झंडा दिवस पर कवि सोमवारी लाल सकलानी की कविता- सशस्त्र झंडा दिवस में देखा, महा शौर्य कुर्बानी का लेखा
सशस्त्र झंडा दिवस सशस्त्र झंडा दिवस में देखा, महा शौर्य कुर्बानी का लेखा।शहीदों का इतिहास टटोला, जल थल नभ पराक्रम...
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सशस्त्र झंडा दिवस सशस्त्र झंडा दिवस में देखा, महा शौर्य कुर्बानी का लेखा।शहीदों का इतिहास टटोला, जल थल नभ पराक्रम...
कड़वा टीचर सही है मैं हूँ टीचर, मेरी चिल्लाहट नहीं जाती।ग़लत हरकत कहीं भी देख, गुर्राहट नहीं जाती।। कहीं बनियाँ...
और रात आ जाती हैपर्वत की पीठ पर बैठा सूरजस्थिर नहीं रहता।लुढ़कता हुआ,धार के पार चला जाता है।केवल रक्तिम आभा-क्षितिज...
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो,भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी,मगर मुझको लौटा दो बचपन का...
एक - हैंक म , बोलद रै गिवां.अफी छकी , अफि पकी गिवां.क्या पायि-क्या ख्वायी, अबतक-तोलदा- मोलदा , अफतैं रै...
पापामैं जानती हूं तुम भूखे होफिर क्यों तुम खुद को भूखे नहीं बताते होतपती धूप में पसीने से नहाकरक्यों तुम...
विषय -मंजिल डरते क्यों हो तुम उलझनों सेतुम राह पर चलना तो सीखोदूर नहीं अब कहीं मंजिलतुम ये सोचकर तो...
मध्य हिमालै ? ऊंचा हिवांळों ह्यूं की चादर,रूमझुम बरखा मध्य हिमालै ।धारूं - धारूं बादळ माळा ,ठंडु बथौऊं मध्य हिमालै...
ख्वाहिश मैंने भगवान से मांगी शक्ति,उसने मुझे दी कठिनाइयांहिम्मत बढ़ाने के लिए !मैंने भगवान से मांगी बुद्धि ,उसने मुझे दी...
स्वाचा-स्वाचा, भलु-भलु स्वाचा,भलु सोचिक, भलु - ज्यू ह्वे जांद.बगत - बगत, सोची - सोची क -बित्यूं बगत, कबि याद भि...