नदियाँ ये मीठी मीठी सागर ये गहरे गहरे मन को मेरे लुभाते आँखों में ठहरे ठहरे पूछते हैं मुझसे नित...
कविता
मयाली पहाड़ियों के बीच में खिला बाजार फूल सा सुंदर सजीला सज रहा सजीव हो महबूब सा। सुहावनी समीर है...
देखो जी ! यह भी इक तारा, सौरमंडल का जलता तारा। उगता है यह धार के ऊपर, छिप जाता है...
आखिर है क्या ये जीत और हार मन की हो तो जीत ना तो हार, या इकरार को जीत कह...
मन जीते जग जीत है मन के हारे सब हार मन से जीत नहीं आसां मन के तर्क हजार मन...
हो शुभ आगमन नववर्ष का, ऐसी हमारी कामना जो साल बीते दुख के संग, हे प्रभु उन्हें अब थामना सब...
नव वर्ष मंगलमय सभी को सुख शांति और समृद्धि मिले, वर्ष बाईस साल में सभी को,नव उन्नति नव खुशियां मिलें।...
नया सा लक्ष्य बनाकर नव-वर्ष का स्वागत कीजिए बीते खट्टे मीठे पलों को अब यादें बना लीजिए, तारीखों के बदलने...
नव वर्ष का आह्वान नव प्यार दे, सम्मान दे, शुभ राह दे, मान व सम्मान दे, नव वर्ष नूतन आपको...
