जहां रहता हूं आसपास जो खेत हैउनमे फसलों का उगनानिरंतर उगते रहने को कह रहा है जहां मै रह रहा...
कविता
सड़क किनारे जिंदगी मूक देखती रह जाएगी खून से सने हाथों से गिरेबाँ पकड़ी जाएगी,सामंती तलवारें नन्हें हाथों में लहराएंगी,गठजोड़ों...
कूड़ा बीनने वाले हर शहर मेसूरज से पहलेउठकर सड़को पर आ जाते हैंकुछ बच्चेकंधे पर लाद कर बोरियांबिना चप्पल कुछतेज...
पापामैं जानती हूं तुम भूखे होफिर क्यों तुम खुद को भूखे नहीं बताते होतपती धूप में पसीने से नहाकरक्यों तुम...
विषय -मंजिल डरते क्यों हो तुम उलझनों सेतुम राह पर चलना तो सीखोदूर नहीं अब कहीं मंजिलतुम ये सोचकर तो...
मध्य हिमालै ? ऊंचा हिवांळों ह्यूं की चादर,रूमझुम बरखा मध्य हिमालै ।धारूं - धारूं बादळ माळा ,ठंडु बथौऊं मध्य हिमालै...
ख्वाहिश मैंने भगवान से मांगी शक्ति,उसने मुझे दी कठिनाइयांहिम्मत बढ़ाने के लिए !मैंने भगवान से मांगी बुद्धि ,उसने मुझे दी...
स्वाचा-स्वाचा, भलु-भलु स्वाचा,भलु सोचिक, भलु - ज्यू ह्वे जांद.बगत - बगत, सोची - सोची क -बित्यूं बगत, कबि याद भि...
खास हो तुम… खुबियो का तो दिवाना सारा जहाँ है….तुम लाख खामिया होने के बाद किसी को चाहो….तो खास हो...
प्यारू उत्तराखंड " तेरा जिल्लौं से बड़ि छायू , प्यारू उत्तराखंड.बीस साल ह्वीं राज्य बड़्यां , प्यारू उत्तराखंड.. करि आंदोलन...