मुझे मेरे हिस्से का आसमान चाहिए। मुझे मेरे हिस्से का आसमान चाहिए। थोड़ी सी जमीं नहीं सारा जहान चाहिए। मैं...
नारी मंच
गुरु -स्तवन ये मेरे अन्तर्मन् के उद्गार जीवन सद्गुरु का आभार। मात पिता ने जन्म दिया गुरु ने सौंपा ज्ञानागार।...
बहनो में बड़ी बहुओ में छोटी, न पीहर में अड़ी न ससुराल में लड़ी, बातो बातो में बोल देती है,...
बीति ताहि बिसार दे बैचेन मन सोचता बहुत है तर्क बितर्क के जंजाल में वो फंसता सा चला जाता है...
मन पतवार बना लेती तुम होते जो सचमुच रुठे मैं तुम्हें मनाने आ जाती, नैया को मझधार छोड़ती मन पतवार...
मेरा बुढ़ापा एक रोज जैसे ही हुई मेरे द्वार पै इक आहट निकली मैं जैसे ही बाहर दिल में बड़ी...
ग्रीष्म ऋतु का पदार्पण सुहानी वसंत ऋतु बीत गयी भीषण ग्रीष्म ने किया पदार्पण चारों दिशाओं में भीषण ज्वाला से...
माँ के प्रति ढाई बर्ष से कौमा में है माँ माँ तुम्हारें बिना सारी खुशियां। बेमानी सी लगती हैं ॥...
कभी-कभी लगता है प्रेम जैसी सरल भावना को कितना जटिल बना दिया गया है। जिसने भी प्रेम में पहले मरने...
किताबें (1) सबसे अच्छी यार किताबें। पढ़ली जिसने चार किताबें॥ कर देती होशियार किताबें। कागज पर लिखी दास्ताँ किताबें॥ सारे...