मेरे मेहमानों को देखो ! आएं हैं मेहमान आजकल मेरे घर पर, कुछ दानें चूंगते, क्रीड़ा करते प्रतिपल। बैठा रहता...
कविता
मधुमास मे डूबे पहाड़ आई मेरे आंगन में बहार , मधुमास में डूबे हैं पहाड़ । ये जादू करता है...
ए-वक़्त ख़ुद पर इतना ग़ुरूर न कर तू वक़्त ही तो है, वक़्त तू भी वक़्त एक वक़्त पर बदल...
बेटी के होने पर जब, जश्न मनाया जाएगा। बिना कृष्ण जब बेटी का। चीर सुरक्षा पाएगा। जब पिता की चढी...
मेरे डांडो - कांठों में आजकल सुरभित पुष्प खिले हैं। बांज बुरांश मौरू तरुवर, शांत स्निग्ध हरितपर्ण धरे हैं। प्रिय...
यार फकीरी में मजा है.... यार फकीरी में मेरे दिलss मेरे दिलss मेरे दिल मेरे दिल मेरे दिल यार फकीरी...
लेखक ने करीब 60-62 वर्ष पूर्व बच्चों की पत्रिका "चन्दामामा" में एक कहानी पढ़ी थी। लेखक का नाम याद नहीं।...
कुछ बाते हैं जज्बातो की चलो आज कहती हूँ एक किरदार जो खास हम सबके लिए चलो आज उसके बारे...
चाणक्यवाद के लक्षण सब लगे राजनीति की धींगा- कुश्ती में, सब लगे राजनीति की नूरा- कुश्ती में। सब लगे राजनीति...
आया वसंत आया वसंत, आया वसंत । है चहुं ओर, छाया वसंत ।। मोहक है, माया वसंत । आया वसंत,...