सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्यारे को रिहा करने के दिए आदेश, 31 साल बाद होगी रिहाई
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला लेते हुए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में सजा काट रहे दोषी एजी पेरारीवलन को रिहा करने का आदेश दिया है।

इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि कानूनी और संवैधानिक सवाल यही है कि क्या राज्यपाल कैबिनेट की सम्मति के खिलाफ जा सकते हैं? ये गंभीर मसला है। इससे संघीय ढांचे पर प्रतिगामी प्रभाव हो सकता है। इससे संघीय व्यवस्था नष्ट हो सकती है। कानून से ऊपर कोई नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार हमारे आदेश का पालन करे वरना कोर्ट आदेश पारित करेगा। क्योंकि सरकार कानून पालन ना करे तो कोर्ट आंखें बंद कर बैठा नहीं रह सकता। हमारी निगाह में कानून से ऊपर कोई नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से यह भी पूछा था कि क्या राज्य के राज्यपाल के पास राज्य मंत्रिमंडल द्वारा भेजी गई सिफारिश को बिना फैसला लिए राष्ट्रपति को भेजने की शक्ति है?
एजी पेरारीवलन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का दोषी है और उम्रकैद की सजा काट रहा है। पेरारिवलन के वकील ने दलील दी थी कि उसने 36 साल जेल में काट लिए हैं। उसका आचरण सही है और उसे जेल से रिहा किया जाना चाहिए। सितंबर, 2018 में तत्कालीन AIADMK कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित किया था और पेरारिवलन सहित उम्रकैद की सजायाफ्ता सभी सात दोषियों की समयपूर्व रिहाई का आदेश देने के लिए तत्कालीन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को अपनी सिफारिश भेजी थी। राज्यपाल के फैसला ना करने पर पेरारिवलन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।