Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

June 15, 2025

अजीब परंपराः जिस बहन से भाई बंधवाता है राखी, पानी को साक्षी मानकर उस बहन के साथ लेता है शादी के फेरे

जिस बहन से भाई राखी बंधवाता हो। उसके साथ बचपन से खेला और बड़ा हुआ हो। उसकी रक्षा की कसम खाता हो, लेकिन जब शादी का समय आए तो भाई ही बहन के साथ फेरे लेता हो। फेरे भी अग्नि को साक्षी मानकर नहीं लिए जाते हैं, बल्कि पानी को साक्षी मानकर लिए जाते हैं। ऐसी ही परंपरा भारत के एक राज्य में है। ये रिवाज या मान्यताएं ज्यादातर परिवार से जुड़ी होती हैं। यहां भाई और बहन की शादी का रिवाज है। वहीं, देश के कई हिस्सों में बहु पति का भी चलन है, तो कहीं मामा और भांजी की शादी का रिवाज है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बहन से शादी करने से जुड़ी जानकारी
दुनिया भर में ज़्यादातर देशों में भाई-बहन की शादी कानूनी तौर पर प्रतिबंधित है। ब्राज़ील और स्वीडन में सौतेले भाई-बहनों के बीच शादी की अनुमति है। प्राचीन मिस्र और इंका जनजातियों में भाई-बहन की शादी का प्रचलन था। मिस्र के कुछ शासकों ने अपनी बहन से शादी की थी। जैसे कि सेनवोसरेट I, अमेनहोटेप I, और क्लियोपेट्रा VII ने बहन के शादी की। भाई-बहन के बीच शारीरिक रिश्ता बनने से इसके कई नुकसान हैं। इससे जेनेटिक बीमारियों का खतरा तेज़ी से बढ़ता है। आने वाली पीढ़ियों पर भी इसका असर पड़ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

छत्तीसगढ़ में एक जनजाति में भाई बहन की शांदी का रिवाज
छत्तीसगढ़ में एक ऐसी जनजाति रहती है, जहां भाई और बहन की शादी का रिवाज है। इस शादी को समाज से आशीर्वाद भी मिलता है। इसमें ज्यादातर चचेरे भाइयों से या फिर फुफेरे भाइयों से शादी करवाई जाती है। सबसे हैरानी की बात तो ये है कि अगर कोई शादी से इनकार करता है तो उसे सजा दी जाती है। ये जनजाति छत्तीसगढ़ के धुरवा आदिवासी की है। इसमें अगर चाचा, ताऊ, फूखा आदि अपने बेटे की शादी का रिश्ता लेकर आए और उसे ठुकरा दिया जाता है, तो ऐसी स्थिति में तब सामने वाले पर जुर्माना लगाया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बदल रहे हैं हालात
अपने ही भाई-बहन में शादी के कई तरह के नुकसान भी देखने को मिलते हैं। जेनेटिक बीमारियां इस वजह से तेजी से बढ़ती है। साथ ही आने वाली पीढ़ियों पर भी इसका दुष्परिणाम देखने को मिलता है। इन सब ज्ञान के बाद अब इस जनजाति के युवा इस परंपरा से पीछे हट रहे हैं। कई लोग अपने पेरेंट्स से बगावत कर इस परंपरा को दरकिनार कर रहे हैं। बता दें कि धुरवा जनजाति छत्तीसगढ़ के सबसे बड़ी जनजातियों में से एक है। यहां शादी में अग्नि नहीं, बल्कि पानी को साक्षी मानकर फेरे लिए जाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धुरवा जनजाति के बारे में
धुरवा जनजाति आज के समय में छत्तीसगढ़ के अलावा ओडिशा के कुछ इलाकों में हैं। इसकी बोली पारजी होती है, लेकिन ते ओड़िया और छत्तीसगढ़ी भी बखूबी बोल लेते हैं। इसके अलावा अब इस जनजाति के युवा हिंदी भी अच्छे से बोलने लगे हैं। छत्तीसगढ़ के धुरवा जनजाति के लोगों को अक्सर गोंद जनजाति में शामिल कर लिया जाता है, लेकिन ओडिशा में इन्हें अलग जनजाति का दर्जा दिया जाता है। धुरवा जनजाति में विवाह नृत्य का काफी महत्व है। इसमें वर-वधु दोनों की तरफ से नृत्य किया जाता है। विवाह नृत्य तेल-हल्दी चढ़ाने की रस्म से प्रारंभ कर पूरे विवाह में किया जाता है। इसमें पुरूष और स्त्रियां समूह में गोल घेरा बनाकर नृत्य करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस जाति की खास बातें
– रोजगार की कमी जंगल में बढ़ते औद्योगिक दखल की वजह से इन आदिवासियों की जाति खतरे में बताई जाती है।
– आदिवासी समाज के नेताओं की मानें तो सरकार ने 2002 में विशेष आरक्षण देना तय किया, लेकिन अभी तक कुछ किया नहीं गया है।
– बुरी नजर से बचने के लिए मन्नत के साथ वे हर तीसरे साल होने वाले मेले में अपनी आराध्या देवी को चश्मे चढ़ाते हैं।
– छत्तीसगढ़ में बस्तर की कांगेरघाटी के इर्दगिर्द बसे धुरवा जाति के लोग बेटे-बेटियों की शादी में अग्नि को नहीं बल्कि पानी को साक्षी मानते हैं।
– हालांकि, अब समाज में शादियों के रजिस्ट्रेशन और शादी के लिए लड़की की न्यूनतम उम्र 18 और लड़के की 21 साल की होने की बात की जाने लगी है।
– समाज के कुछ लोगों के मुताबिक इस प्रथा से बेटियों को अनचाहे वर को भी मंजूर करना मजबूरी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एक लड़की के बहुत सारे पति
भारत के राज्य मेघालय में एक महिला एक से ज्यादा शादी आदमी से शादी कर सकती है। उसे यहां कितनी भी शादी करने की पूरी छूट है और वह एक से ज्यादा पति के साथ रह भी सकती है। जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ सालों से इस प्रथा को बंद करने के लिए लोग मांग कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सभी भाइयों की एक दुल्हन
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के रिवाज के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां एक लड़की की लड़के के सभी भाइयों से शादी करवाई जाती हैं। माना जाता है कि महाभारत काल में पांडव द्रौपदी और माता कुंती के साथ यहां अज्ञातवास के दौरान कुछ समय रहे थे, इसलिए यहां ये रिवाज निभाया जाता है। कहते हैं कि आज भी यहां सभी भाइयों की एक दुल्हन होती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मामा और भांजी की शादी
दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में मामा और भांजी की शादी करवाई जाती है। यहां को लोगों का कहना है कि बहन मायके में अपना हक ना मांग लें, इसलिए यहां मामा- भांजी शादी करवा दी जाती है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

Skvelé tipy a triky pre každodenný život, jedinečné recepty a užitočné články o záhrade. Získajte užitočné rady a nápady na zlepšenie vášho každodenného života a objavte nové spôsoby, ako využiť plody svojej záhrady. Navštívte náš web a nechajte sa inšpirovať! Nemo Point v oceáne: Tajemství jeho názvu a neuvěřitelné pozoruhodnosti Získajte užitočné tipy, triky a recepty na našom webe o lifestyle, kuchyni a záhradkárčení. Prečítajte si naše články a objavte nové spôsoby, ako urobiť váš každodenný život jednoduchším a zdravším. Buďte inšpirovaní a naučte sa, ako dosiahnuť vyvážený a plnohodnotný životný štýl.