यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने दो आरोपियों को यूपी से किया गिरफ्तार, अब तक 39 की गिरफ्तारी
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आरोपी संजीव कुमार चौहान पुत्र हर्ष स्वरूप निवासी राज नगर एक्सटेंशन गाजियाबाद मूल निवासी ग्राम ताराबाद नारायण ठाकुरद्वारा जिला मुरादाबाद आरएमएस कंपनी के मालिक राजेश चौहान का भाई है। आरोप है कि उसने पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्त संदीप शर्मा के साथ मिलकर गाजियाबाद के एक फ्लैट में जनपद उधमसिंह नगर के कई अभ्यर्थियों को ले जाकर प्रश्न पत्र हल कराया था। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी बिजनौर निवासी केंद्रपाल के संपर्क में थे। उन्होंने धामपुर स्थित नकल केंद्र में अभ्यर्थियों को पहुंचाने का काम किया था। एसटीएफ उनसे पूछताछ कर रही है और उनके संपर्कों को खंगाल रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पेपर लीक प्रकरण में एसटीएफ की ओर से लगातार आरोपितों को गिरफ्तार किया जा रहा है। एसटीएफ अब तक 39 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। एसटीएफ अब पूर्व में गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपितों के संपर्क आने वाले आरोपितों की गिरफ्तारी कर रही है। वहीं, सचिवालय रक्षक पेपर लीक मामले में भी एसटीएफ की ओर से चार अभियुक्त जयजीत, कुलवीर, मनोज जोशी (पीआरडी), मनोज जोशी(कोर्ट कर्मचारी) का भी पीसीआर लिया गया और मुकदमे से संबंधित साक्ष्य संकलित किए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसटीएफ वर्तमान में कर रही है तीन मुकदमों में विवेचना
एसटीएफ (STF) के सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार किए गए आरोपितों से पूछताछ में कई अन्य व्यक्तियों के नाम भी सामने आए हैं। एसटीएफ वर्तमान में तीन मुकदमों में विवेचना कर रही है। इनमें अब तक कुल 42 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि स्नातक स्तरीय परीक्षा में आठ आरोपियों के अन्य मुकदमों में भी नाम शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रकरण
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 39 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसके बाद अब हर दिन किसी ना किसी विभाग में भर्ती घोटाला उजागर हो रहा है। साथ ही पूर्व विधानसभा अध्यक्षों पर भी बैकडोर से नियुक्ति करने के आरोप लगे। वहीं, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री पर भी ऐसे ही आरोप लग रहे हैं। ऐसे में अब मांग उठ रही है कि पूरे प्रकरणों की सीबीआइ से जांच कराई जाए, या फिर उच्च न्यायालय के सीटिंग जज की अध्यक्षता में गठित समिति से जांच हो। उधर, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभाओं में हुई भर्तियों की जांच को कमेटी गठित कर दी है। ये कमेटी एक माह में रिपोर्ट देगी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।