हरिद्वार की सृष्टि गोस्वामी ने संभाली उत्तराखंड के सीएम की कुर्सी, जानिए उन्होंने क्या किया

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आज हरिद्वार की सृष्टि गोस्वामी एक दिन के लिए उत्तराखंड में बाल विधानसभा की मुख्यमंत्री का दायित्व संभाला। विधानसभा भवन में करीब दर्जनभर विभागों के अधिकारियों के साथ सृष्टि ने बैठक की। सृष्टि ने दोपहर 12 बजे से शाम साढ़े चार बजे तक मुख्यमंत्री का दायित्व निभाया। वे देहरादून स्थित विधानसभा पहुंची तो प्रोटोकल मंत्री धन सिंह रावत ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश और राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती उषा नेगी के मार्गदर्शन से एक दिन की मनोनित बालिका मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी की अध्यक्षता में विधान सभा में बाल विधायक सदन का आयोजन किया गया। बाल सदन में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी और 13 विभागों ने अपना विभागीय प्रस्तुतिकरण दिया।
विभागीय समीक्षा और प्रस्तुतिकरण से पूर्व मनोनित मुख्यमंत्री की अनुमति से बाल सदन का आयोजन किया गया। जिसमें नेता प्रतिपक्ष आसिफ हसन ने सदन में सरकार के समक्ष प्रश्न उठाये। इनका मनोनित मुख्यमंत्री तथा उनकी अनुमति से अन्य मंत्री और बाल विधायकों द्वारा नेता प्रतिपक्ष के सवालों का क्रमवार उत्तर दिया गया तथा विपक्ष द्वारा उन पर सहमति व्यक्त की गयी।
इसके पश्चात बाल विकास विभाग द्वारा विभागीय प्रस्तुतिकरण प्रस्तुत करते हुए महिला, बच्चों, दिव्यंगजनों, निराश्रितों आदि के हित में सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनओं तथा उनके कल्याण के लिए उठाये गये इनिसिएटिव से अवगत कराया। इस दौरान महिला व बच्चों से सबन्धित अपराध तथा उनका उन्मूलन तथा महिला एवं बच्चों के समुचित विकास के लिए उठाये गये कदमों की बात कही।
लोक निर्माण विभाग द्वारा राज्य में किये जा रहे पुल, सडक, तथा अन्य सम्पर्क निर्माण कार्यो से अवगत कराया। सिंचाई विभाग द्वारा सूर्याधार झील तथा अन्य संचालित व निर्मित्त की जा रही परियोजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया गया। पुलिस विभाग द्वारा अपराधों की प्रकृति तथा उनके उन्मूलन हेतु उठाये गये प्रयासों तथा अभिनव स्टेप्स से अवगत कराया। उन्होने बाल अपराध की रोकथाम, साईब्रर क्राईम रोकथाम, नशा मुक्ति अभियान, औपरेशन सत्य, तथा बाल तस्करी मुक्ति हेतु औपरेशन स्माईल के उदाहरण प्रस्तुत किये। इसके अतिरिक्त उधोग, उरेडा, स्मार्ट सिटी, शिक्षा, आदि विभागो ने भी विभागीय प्रस्तुतिकरण दिया।
इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री (आज के मुख्यमंत्री प्रतिनिधि) ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस तरह के आयोजन से बालिकाओं के आत्म विश्वास में वृद्धि होती है साथ ही सरकार की कार्यशैली तथा उनकी विश्ष्टि प्रक्रियाओं से व्यवहारिक रूप मे अवगत होने का भी अवसर प्राप्त होता है। उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने भी अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बालिकाओं व बच्चों को इस तरह के बाल सदन में अवसर देने पर उनको जीवन में और आगे बढने और कुछ करने की प्रेरणा मिलती है साथ ही शासकीय और प्रशासनिक क्रियाविधि की भी स्पष्ट जानकारी प्राप्त होती है।
आज की मनोनित बालिका मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी द्वारा इस दौरान सदन में महिला एवं बाल संरक्षण तथा विभिन्न विकास कार्यो के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सुझाव साझा किये। उन्होने बालिकाओं को विद्यालय आने जाने के लिए वाहनों में सुरक्षित माहौल बनाने, धरेलू हिंसा, नशाखोरी और बाल अपराधों पर लगाम लगाने तथा महिलाओं को सूरक्षित, सहज और सर्व स्वीकार्य वतावरण बनने के सुझाव दिये। बाल विधायकों में मनोनित मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष के अलावा मनोनित गृह मंत्री कुमकुम पन्त, जान्हवी, हरेन्द्र, चिराग, मानसी, ऋतिका आदि ने समीक्षा बैठक में प्रतिभाग किया इस अवसर पर अपर सचिव, बाल विकास झरना कमठान ने बाल सदन का विधिवत समापन किया।
सीएम ने बताया बालिकाओं का सम्मान
उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर राज्य विधानसभा में बाल विधायक सदन में बालिका सृष्टि गोस्वामी को एक दिन की बाल मुख्यमंत्री मनोनित कर बाल सदन की कार्यवाही का आयोजन किया जाना प्रदेश की बालिकाओं का सम्मान बताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे आयोजन बालिकाओं को समाज में अपनी पहचान बनाने में भी मददगार होते हैं। उन्होंने कहा कि आज के बालक कल के नागरिक हैं। हमारे ये भावी कर्णधार देश को बेहतर दिशा की ओर ले जायें इसके लिये आवश्यक है कि इन्हें सम-सामयिक विषयों के साथ ही विधायिका के स्तर पर होने वाले कार्यों की जानकारी रहे।
इस प्रकार के आयोजन युवाओं को समाज के प्रति अपने दायित्वों के निर्वहन की भी प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारी बेटियां आगे बढ़कर अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी कामयाबी का प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने बाल सदन द्वारा एक दिन के लिये मनोनीत मुख्यमंत्री सुश्री सृष्टि गोस्वामी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए ऐसे आयोजनों को उपयोगी बताया है।
सृष्टि गोस्वामी का परिचय
सृष्टि गोस्वामी 19 साल की हैं और वह हरिद्वार के दौलतपुर गांव में रहती हैं। वह रुड़की के बीएसएम पीजी कॉलेज से बीएससी एग्रिकल्चर की स्टूडेंट हैं। पिता प्रवीण पुरी गांव में ही छोटी सी दुकान चलाते हैं और मां सुधा आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता हैं।
क्या है बाल विधानसभा
बाल विधानसभा की शुरूआत ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत बनाने से हुआ था। ब्लाक, जिला स्तर पर संगठन बनाया। फिर संगठन की आवाज राज्य स्तर पर 2014 में प्लान इंडिया व भुवनेश्वरी महिला आश्रम ने बाल विधानसभा का गठन किया। इसमें 13 जिलों के बच्चे शामिल हैं। सदस्य 70 हैं, इसमें 35 लड़के व 35 लड़कियां हैं। चार बार विधानसभा गठित हो चुकी है। चार मुख्यमंत्री बने, तीन बार लड़कियों के पास मुख्यमंत्री का पद आया है। ये पद चुनाव से आया है।
इन विभागों के अधिकारी हैं मौजूद
बैठक में विभिन्न बिभागों के अधिकारी अपने अपने विभागों की उपलब्धियों को सृष्टि के समक्ष रखेंगे। इन विभगों में प्रमुख अभियंता-लोक निर्माण विभाग, मुख्य कार्यकारी अधिकारी-पर्यटन विकास परिषद, निदेशक उरेड़ा ऊर्जा पार्क, प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग, निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, निदेशक माध्यमिक शिक्षा, सचिव राजधानी सामान्य प्रशासन, निदेशक ग्राम्य विकास विभाग, जिलाधिकारी देहरादून, महानिदेशक उद्योग निदेशालय, पुलिस महानिदेशक हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।