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February 4, 2025

दोपहर से लेकर शाम तक नेपाल में भूकंप के छह झटके, एक बार तो उत्तराखंड, यूपी, राजस्थान सहित हिली दिल्ली

आज मंगलवार तीन अक्टूबर की दोपहर दो बजकर 25 मिनट से लेकर शाम पांच बजकर 23 मिनट तक नेपाल में भूकंप के छह झटके महसूस किए गए। इनमें एक झटका इतना बड़ा था कि दिल्ली एनसीआर, समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में मंगलवार को भूकंप का तेज झटका देर तक महसूस किया गया। उत्तराखंड दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, जयपुर समेत उत्तर भारत के अलग-अलग इलाकों में भूकंप के झटके से लोग दहशत में आ गए। कई लोग घरों से बाहर निकल गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हालांकि भारत में कहीं किसी नुकसान की सूचना नहीं है। सबसे पहला झटका मंगलवार दोपहर 2 बजकर 25 बजे आया। इसका केंद्र नेपाल में था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.6 मापी गई। इसके बाद दो बजकर 51 मिनट पर दूसरा झटकाआया। इसकी तीव्रता 6.2 मापी गई। इस बार के भूकंप ने भारत के कई हिस्सों को हिला कर रख दिया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का आक्षांस 29.39 और देशांतर 81.23 था। इसका केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भूकंप का क्रम यहां भी नहीं रुका। तीन बजकर छह मिनट पर नेपाल में ही 3.6 तीव्रता का तीसरा भूकंप आया। इसके बाद तीन बजकर 19 मिनट पर 3.1 तीव्रता का भूकंप आया और इसका केंद्र भी नेपाल में ही था। पांचवा झटका पांच बजकर चार मिनट पर आया। इसका केंद्र भी नेपाल ही था। इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई। छठा झटका पांच बजकर 23 मिनट पर आया। इसका केंद्र भी नेपाल ही था। इसकी तीव्रता 3.9 मापी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड संवेदनशील
भूकंप की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं। ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं और देहरादून व टिहरी दोनों जोन में आते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड में आ चुके हैं दो बड़े भूकंप
उत्तराखंड के उत्तरकाशी और चमोली जिले में दो बड़े भूकंप आ चुके हैं। इससे भूकंप के हलके झटके से ही लोग दहशत में आ जाते हैं। उत्तरकाशी में 20 अक्टूबर 1991 को 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था। उस समय हजारों लोग मारे गए थे। साथ ही संपत्ति को भी अत्यधिक क्षति हुई थी। इसके बाद 29 मार्च 1999 में चमोली जिले में उत्तराखंड का दूसरा बड़ा भूकंप आया। भारत के उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखंड) राज्य में आया यह भूकंप हिमालय की तलहटियों में 90 वर्षों का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इस भूकंप में 103 लोग मारे गए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये हैं भूकंप के कारण
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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