हरिद्वार में जहरीली शराब पीने से सात ग्रामीणों की मौत, पंचायत चुनाव में बांटी जा रही थी शराब
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ योगेंद्र सिंह रावत ने गांव पहुंचकर घटना की जानकारी जुटाई और पुलिस टीम को धरपकड़ के निर्देश दिए। जिसके बाद आसपास के थानों की पुलिस टीमें भी गांव में बुला ली गई और प्रत्याशियों के घरों व ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी गई है। प्रत्याशी घरों से फरार बताए जा रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि जहरीली शराब कहां बनी, कहां से लाई गई थी और किसने बांटी, इन सारे बिंदुओं पर छानबीन करते हुए आरोपितों की धरपकड़ के प्रयास चल रहे हैं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि यह शराब और किस-किस गांव में भेजी गई है। ताकि उसे जब्त कर समय रहते हैं बाकी ग्रामीणों की जान बचाई जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस टीमों ने ग्रामीणों को जहरीली शराब पिलाने वाले प्रत्याशियों के घर और ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है। इस बीच कुछ ग्रामीणों ने जंगल से लकड़ी लाकर आनन-फानन में बिना पोस्टमार्टम शवों का अंतिम संस्कार करने का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें रोक लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दो साल पहले हुई थी 50 से अधिक लोगों की मौत
हरिद्वार जिले के देहात में कच्ची शराब बनाने और तस्करी करने का धंधा बड़े पैमाने पर होता है। तीन साल पहले हरिद्वार और सहारनपुर के लगे कुछ गांवों में जहरीली शराब का मामला सामने आया था। जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में हरिद्वार (उत्तराखंड) व सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के करीब 25 गावों के लोग शामिल थे। तब अकेले हरिद्वार में 45 और यूपी के इलाकों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। आठ फरवरी 2019 को भगवानपुर और झबरेड़ा क्षेत्र के बाल्लूपुर, नन्हेड़ा, तेज्जूपुर, बिडु खडक, भलस्वागाज, जहाजगढ़ समेत 13 गांवों में 45 व्यक्तियों की मौत हुई थी। वहीं सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के करीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।