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June 26, 2025

हार की स्थिति और सत्ता पर खतरे को देख पुतिन कर सकते हैं परमाणु हमला

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में हार की स्थिति में और अपने सत्ता पर खतरा देख संभावित रूप से परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकते हें। यह चेतावनी एक शीर्ष अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने दी है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में हार की स्थिति में और अपने सत्ता पर खतरा देख संभावित रूप से परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकते हें। यह चेतावनी एक शीर्ष अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने दी है। दुनिया भर में खतरों पर सीनेट को ब्रीफिंग करने वाले खुफिया प्रमुखों के आकलन में यह चेतावनी आई थी।
नेशनल इंटेलिजेंस की निदेशक एवरिल हेन्स ने सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति को बताया कि पुतिन रूस के परमाणु शस्त्रागार का उपयोग यूक्रेन के लिए और अमेरिका एवं उसके सहयोगियों को समर्थन प्रदान करने से रोकने के प्रयास में जारी रखेंगे। हेन्स ने तर्क दिया कि रूसी नेता परमाणु हथियार का उपयोग तब तक नहीं करेंगे, जब तक कि वह रूस या उनके शासन के लिए एक संभावित खतरा नहीं देख लेते। उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन में हार की संभावना को इस तरह के खतरे के रूप में देख सकते हैं।
यूक्रेन नाटो में शामिल रहता तो रूस नहीं करता हमला
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि अगर उनका देश पहले से नाटो समूह में होता तो रूस का हमला नहीं होता। फ्रेंच यूनिवर्सिटी के छात्रों से ऑनलाइन बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि अगर यूक्रेन युद्ध से पहले नाटो का हिस्सा होता तो कोई हमला नहीं होता।
केमिकल प्लांटों पर हमले का अंदेशा
यूक्रेनी सेना ने चेतावनी दी है कि रूस की सेना देश के केमिकल प्लांटों को निशाना बना सकती है। यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने यह अंदेशा ऐसे समय जताया है, जब रूसी बमबारी में यूक्रेनी तेल भंडारों और अन्य औद्योगिक स्थलों को निशाना गया है।
जर्मनी ने कीव में अपना दूतावास फिर खोला
रिपोर्ट के मुताबिक रूसी आक्रमण के बाद जर्मनी ने कीव में बंद अपने दूतावास को फिर से खोल दिया है। जर्मन विदेश मंत्री एन्नालेना बारबोक ने मंगलवार को कहा कि उनका देश यूक्रेन का साथ देगा। दो महीने पहले लड़ाई शुरू होने के बाद यू्क्रेन की यात्रा पर जाने वाली वह पहली जर्मन मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि जब युद्ध अपराध की जांच एवं उसे लेकर मुकदमा चलाने की बारी आएगी तब भी जर्मनी यूक्रेन के साथ रहेगा।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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