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December 19, 2024

प्रख्यात पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा हुए कोरोना संक्रमित, एम्स ऋषिकेश में किया भर्ती, जानिए उनके जीवन संघर्ष के बारे में 

देश के प्रख्यात पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। उन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है।


देश के प्रख्यात पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। उन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है। करीब 94 वर्षीय बहुगुणा को बुखार व खांसी की शिकायत है। फिलहाल सांस लेने में उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही है। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा को शनिवार दोपहर करीब 12:30 बजे एम्स ऋषिकेश लाया गया था। उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव है।
उन्होंने बताया कि पिछले एक सप्ताह से सुंदरलाल बहुगुणा को बुखार व खांसी की शिकायत थी। उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती किया गया है। उन्होंने बताया कि सुंदरलाल बहुगुणा को अभी सांस लेने में कोई परेशानी नहीं आ रही है। उनकी स्थिति सामान्य है और उनकी अन्य स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है।
बहुगुणा के बारे में
चिपको आंदोलन के प्रणेता सुंदरलाल बहुगुणा का जन्म नौ जनवरी सन 1927 को देवभूमि उत्तराखंड के मरोडा नामक स्थान पर हुआ। प्राथमिक शिक्षा के बाद वे लाहौर चले गए और वहीं से बीए किया। सन 1949 में मीराबेन व ठक्कर बाप्पा के सम्पर्क में आने के बाद ये दलित वर्ग के विद्यार्थियों के उत्थान के लिए प्रयासरत हो गए। उनके लिए टिहरी में ठक्कर बाप्पा होस्टल की स्थापना भी की। दलितों को मंदिर प्रवेश का अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने आन्दोलन छेड़ दिया।
अपनी पत्नी श्रीमती विमला नौटियाल के सहयोग से इन्होंने सिलयारा में ही ‘पर्वतीय नवजीवन मण्डल’ की स्थापना भी की। सन 1971 में शराब की दुकानों को खोलने से रोकने के लिए सुंदरलाल बहुगुणा ने सोलह दिन तक अनशन किया। चिपको आन्दोलन के कारण वे विश्वभर में वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध हो गए। उत्तराखंड में बड़े बांधों के विरोध में उन्होंने काफी समय तक आंदोलन भी किया। सुन्दरलाल बहुगुणा के अनुसार पेड़ों को काटने की अपेक्षा उन्हें लगाना अति महत्वपूर्ण है। बहुगुणा के कार्यों से प्रभावित होकर अमेरिका की फ्रेंड ऑफ नेचर नामक संस्था ने 1980 में उन्हें पुरस्कृत भी किया। इसके अलावा उन्हें कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। पर्यावरण को स्थाई सम्पति माननेवाला यह महापुरुष आज ‘पर्यावरण गाँधी’ बन गया है।
उत्तराखंड में कोरोना की स्थिति
गौरतलब है कि उत्तराखंड में कोरोना कहर बनकर टूट रहा है। हर दिन नए संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार सात मई की शाम स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में 24 घंटे के भीतर सर्वाधिक 9642 नए संक्रमित मिले। वहीं, 137 लोगों की कोरोना से मौत हुई। गुरुवार छह मई को 8517 संक्रमित मिले थे। इसी दिन सर्वाधिक151  लोगों की मौत हुई थी। अब तक एक दिन में नए संक्रमितों के मामले में ये लगातार दूसरी बार है जब आठ हजार का आंकड़ा एक दिन में पार हो चुका है। वहीं, पहली बार नौ हजार का आंकड़ा आज पार हुआ है। यदि टीकाकरण की बात की जाए तो शुक्रवार को 650 केंद्र में 35771 लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए। वहीं, कंटेनमेंट जोन बढ़कर 362 हो गए हैं। यहां एक तरीके से पूर्ण लॉकडाउन है।
उत्तराखंड में शुक्रवार को 4643 लोगों ने कोरोना को मात दी। वहीं, एक्टिव केस 67691 हो गए हैं। अब उत्तराखंड में कुल संक्रमितों की संख्या 229993 हो गई है। इनमें से 154132 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। अब तक कुल 3430 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
शुक्रवार को भी देहरादून में सर्वाधिक 3979 नए संक्रमित मिले। नैनीताल में 1342, उधमसिंह नगर में 1286, हरिद्वार में 768, उत्तरकाशी में 531, अल्मोड़ा में 365, टिहरी में 325, चमोली में 314, चंपावत में 214, पौड़ी में 196, बागेश्वर में 117, पिथौरागढ़ में 111, रुद्रप्रयाग में 94 संक्रमित मिले।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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