पढ़िए युवा कवयित्री किरन पुरोहित की हायकु शैली में हिंदी कविता, विषय है-साथ
साथ
1— आसमान मे —
देते हैं लाखों तारे ,
चांद का साथ ।
2— यह प्रकृति —
कहे सदा सबका,
सच्चा साथ दो ।
3— चकोरी जैसे—
देती है चकोर का ,
हमेशा साथ ।
4— संग जी कर —
उसके विरह में ,
प्राण दे देती ।
5— हंसों का जोड़ा—
इसी तरह जी के ,
साथ निभाता ।
6— सिंह सम्मुख—
जैसे माता मृगिनी ,
शिशु मृग का ।
7— सांचा साथ दे —
करती बिन डरे ,
उसकी रक्षा ।
8— नदिया जैसे—
सदा साथ देती है ,
महा सिंधु का ।
9 — मिलती रहे —
सागर से मिलने ,
बहती रहे ।
10— सीखो मानव —
निस्वार्थ साथ देना
प्रकृति कहे ।
….किरन पुरोहित हिमपुत्री
क्या है हायकु
हाइकु मूल रूप से जापानी कविता है। हाइकु का जन्म जापानी संस्कृति की परम्परा, जापानी जनमानस और सौन्दर्य चेतना में हुआ और वहीं पला है। इस विधा को हिंदी साहित्य में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। हाइकु सत्रह (१७) अक्षर में लिखी जाने वाली सबसे छोटी कविता है।
लेखिका का परिचय —
नाम – किरन पुरोहित “हिमपुत्री”
पिता – श्री दीपेंद्र पुरोहित
माता – श्रीमती दीपा पुरोहित
जन्म – 21 अप्रैल 2003
आयु – 17 वर्ष
अध्ययनरत – कक्षा 12वीं उत्तीर्ण
निवास, कर्णप्रयाग चमोली उत्तराखंड
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।