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August 7, 2025

शिक्षक राजेंद्र प्रसाद जोशी की कविता-अब जनता की है बारी

राजेंद्र प्रसाद जोशी की कविता-अब जनता की है बारी।

लोकतंत्र का आया महोत्सव, तो लो अब जनता की है बारी,
होने लगे हैं मुफ्त के वादे, राजनैतिक दलों की भी है तैयारी ।
कोई बिजली बिल माफ कराए, कोई पानी मुफ्त बटवाता,
जनता में भी करंट दौड़ रहा, देखो किसका बटन दबाता ।
कहीं बंट रहे फ्री लैपटॉप, किसी का टैबलेट देने का वादा,
शिक्षा की तुम बात न करना, इससे नेता जी का जी घबराता ।
बेरोजगारी इनसे दूर न होती, कहते ले लो हमसे भत्ता,
युवाओं की कहां फिक्र किसी को, इनके ख्वाबों में बस सत्ता ।
कोई बाटे साड़ी, कंबल, कोई बाटे शराब, कवाब,
अगर आ गए इस चक्कर में, तो समझो कर लिए साल खराब ।
जाति, धर्म के नाम न बटना, सही, गलत का फर्क समझना,
उज्ज्वल करे जो भविष्य तुम्हारा, अपना वोट उसी को करना ।

कवि का परिचय
राजेंद्र प्रसाद जोशी
अनुदेशक (Instructor)
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (महिला) देहरादून, उत्तराखंड।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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