युवा कवि ब्राह्मण आशीष उपाध्याय की कविता-मृत्यु का यह मुख्यद्वार मुबारक

मृत्यु का यह मुख्यद्वार मुबारक
यह चुनावी त्योहार मुबारक।
यह ज़हरीली फुहार मुबारक
मेरी इक इक साँसो का होता।
तुमको यह व्यापार मुबारक।।
मृत्यु का यह मुख्य द्वार मुबारक।
तुमको डिजिटल सरकार मुबारक।
काला धन काला बाज़ार मुबारक।।
सिंघासन की भूख मिटाने को।
तुमको लाशों का अंबार मुबारक।।
मृत्यु का यह मुख्य द्वार मुबारक।
राजनीति के मक्कारों का यह परिवार मुबारक ।
मेरी उम्मीदों का यह अंतिम संस्कार मुबारक।
चूल्हे से ज़्यादा शमशानों का तुमको।
यह जलता अंगार मुबारक।।
मृत्यु का यह मुख्य द्वार मुबारक।
विपक्ष की ललकार मुबारक।
सत्ता की यह पुचकार मुबारक।।
मेरी चीखें जिस तक ना पहुँचे।
तुमको वो सोता चौकीदार मुबारक।।
मृत्यु का यह मुख्य द्वार मुबारक।
मृत्यु का यह मुख्य द्वार मुबारक।।
कवि का परिचय
नाम-ब्राह्मण आशीष उपाध्याय (विद्रोही)
पता-प्रतापगढ़ उत्तरप्रदेश
पेशे से छात्र और व्यवसायी युवा हिन्दी लेखक ब्राह्मण आशीष उपाध्याय #vद्रोही उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के एक छोटे से गाँव टांडा से ताल्लुक़ रखते हैं। उन्होंने पॉलिटेक्निक (नैनी प्रयागराज) और बीटेक ( बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय से मेकैनिकल ) तक की शिक्षा प्राप्त की है। वह लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि के छात्र हैं। आशीष को कॉलेज के दिनों से ही लिखने में रुचि है। मोबाइल नंबर-75258 88880
Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।