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September 27, 2024

महिला दिवस पर शिक्षक विजय प्रकाश रतूड़ी की कविता-बेटी के होने पर जब

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महिला दिवस पर शिक्षक विजय प्रकाश रतूड़ी की कविता-बेटी के होने पर जब।

बेटी के होने पर जब,
जश्न मनाया जाएगा।
बिना कृष्ण जब बेटी का।
चीर सुरक्षा पाएगा।

जब पिता की चढी भृकुटी,
मां को नहीं डराएगी।
कोई पंचर स्कूटी जब,
काल नहीं बन पायेगी।

निपट अकेली बेटी जब।
कृष्ण विरानी रातों में।
बिना डरे घर पहुंचेगी।
पुष्प गुच्छ ले हाथों में।

जब निर्भया का भय जाएगा।
सफर अकेले करने में।
तब समझो इस भू पर है ,
महिला दिवस सचमुच में।।

कवि का परिचय
नाम-विजय प्रकाश रतूड़ी
प्रधानाध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय ओडाधार
विकासखंड भिलंगना, जनपद-टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड।

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