Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

June 22, 2025

शिक्षक एवं कवि रामचंद्र नौटियाल की कविता-नकल पर विश्वास है, अकल पर नहीं

नकल पर विश्वास है
अकल पर नहीं
हैप्पी न्यू इयर पर विश्वास है
नये वर्ष पर नहीं
उमंग उत्साह हमे भाया नहीं
हैप्पी बोलना शुद्ध आया नहीं
दिन वसन्त की बयार
रात्रि बारह बजे का अन्धकार
कौन सा है मनभावन नव वर्ष
अब तुम ही करो विचार
ऐसे नकल न करते तो
भारत इण्डिया न होता
वर्षों अंग्रेजों के गुलाम न होते
कुछ तो जाग चुके
कुछ जगाने को बाकी हैं
अपनी मर्यादा अपना गौरव अपनी
संस्कृति की एक से एक
महान झांकी है
विश्वगुरु के गौरव को यदि
भारत को लौटाना होगा
तो इस तथाकथित
नकली चोले को उतारना होगा
कवि का परिचय
रामचन्द्र नौटियाल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गड़थ विकासखंड चिन्यालीसौड, उत्तरकाशी में भाषा के अध्यापक हैं। वह गांव जिब्या पट्टी दशगी जिला उत्तरकाशी उत्तराखंड के निवासी हैं। रामचन्द्र नौटियाल जब हाईस्कूल में ही पढ़ते थे, तब से ही लेखन व सृजन कार्य शुरू कर दिया था। वह कई साहित्यिक मंचों पर अपनी प्रस्तुतियां देते रहते हैं।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

Vertikální záhony: Skvělá