बाबा केदार के कपाट खुलने पर कालिका प्रसाद सेमवाल की कविता- भोलेनाथ तुम दया निधान
भोलेनाथ तुम दया निधान
आशुतोष तुम संकट हारी,
दया करो हे कृपा निधान।
भव भय भंजन सुख के धाम,
हे आदिदेव शिव तुम्हें प्रणाम।।
भोलेनाथ तुम दया निधान,
केदारनाथ में वास तुम्हारा।
कुण्डल लोल डोल श्रुति मण्डल,
मुख प्रसन्न तन तेज विशाल।।
गगन पंथ से उतर रही,
पतित पावनी गंगा माँ।
शिवजी ने जटाजूट में,
धारण की पावन गंगा माँ।।
ज्ञानी ध्यानी नर नाग असुर,
सुरमुनि सब ध्यान करें हरदम।
सुर सिद्ध दैत्य दानव मानव,
शिव महिमा हरि विरंचि गायें।।
कृपा करो हे केदारेश्वर,
गौरीपति भोले शिव शंकर।
श्रद्धा विश्वास स्वरुप शिव का,
मात -पिता, को शत-शत वन्दन।।
कवि का परिचय
कालिका प्रसाद सेमवाल
अवकाश प्राप्त प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा, जनपद रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
बहुत सुन्दर जै केदारनाथ