Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

July 30, 2025

युवा कवि सूरज रावत की कविता- ये जो मैं तुमको सरल और सहज दिख रहा हूँ

ये जो मैं तुमको सरल और सहज दिख रहा हूँ,
आज के इस महेंगे समाज में बड़ा सस्ता बिक रहा हूँ,
कभी खामोश सन्न सा रह जाता हूँ,
कभी अंदर ही अंदर बहुत चीख रहा हूँ,
आज के इस महंगे समाज में बड़ा सस्ता बिक रहा हूँ,
ना परवाह मुझे अब मेरे व्यक्तित्व की,
ना चाह मुझे अब मेरे अपनत्व की,
मैं तो इस वक्त से बड़ा कुछ सीख रहा हूँ,
आज के इस महेंगे समाज में बड़ा सस्ता बिक रहा हूँ, (कविता जारी अगले पैरे में देखिए)

इन चंद लफ्जों से जिंदगी की गाथा लिख रहा हूँ,
अंदर से तूफ़ान है मचा हुआ,
बाहर से शांत दिख रहा हूँ,
ये जो में तुमको सरल और सहज दिख रहा हूँ,
आज के इस महेंगे समाज में बड़ा सस्ता बिक रहा हूँ,
कुछ ख्वाब तो, कुछ अल्फाज लिख रहा हूँ,
कुछ दिली तम्मना तो, कुछ अरमान लिख रहा हूँ,
कभी लगती है जिंदगी बड़ी जटिल, तो
कभी आसान लिख रहा हूँ,
ये जो मैं तुमको सरल और सहज दिख रहा हूँ,
आज के इस महेंगे समाज में बड़ा सस्ता बिक रहा हूँ, (कविता जारी अगले पैरे में देखिए)

लब हैं सिले हुए फिर भी खामोश निगाहों से ख्वाब सींच रहा हूँ,
कभी लगता है जिंदगी रुक सी गयी ,
और कभी लगता है जबरदस्ती खींच रहा हूँ,
ये जो मैं तुमको सरल और सहज दिख रहा हूँ,
आज के इस महंगे समाज में बड़ा सस्ता बिक रहा हूँ,
कभी जीवन के इस दौर से लड़ना तो कभी जीना सीख रहा हूँ,
दर्द झेलकर, जिंदगी को समेटना सीख रहा हूँ,
ये जो मैं तुमको सरल और सहज दिख रहा हूँ,
आज के इस महेंगे समाज में बड़ा सस्ता बिक रहा हूँ,
कवि का परिचय
सूरज रावत, मूल निवासी लोहाघाट, चंपावत, उत्तराखंड। वर्तमान में देहरादून में निजी कंपनी में कार्यरत।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

Jak nauczyć szczeniaka pielęgnować sierść: bez stresu i łez? Jak zmieni się Jak poprawnie siać gorczycę Trening ramion z hantlami w domu: kompleksowa Jak stworzyć idealną letnią sałatkę: Jak pomóc swojemu psu przezwyciężyć