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November 8, 2024

नागालैंड पुलिस ने पैरा स्पेशल फोर्स के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा, ग्रामीणों की हत्या का आरोप

नगालैंड पुलिस ने शनिवार शाम मोन जिले में नागरिकों पर गोलीबारी के सिलसिले में भारतीय सेना के 21 पैरा विशेष बलों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की है।

नगालैंड पुलिस ने शनिवार शाम मोन जिले में नागरिकों पर गोलीबारी के सिलसिले में भारतीय सेना के 21 पैरा विशेष बलों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी। प्राथमिकी में नगालैंड पुलिस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पैरा स्पेशल बलों ने स्थानीय पुलिस को सूचित नहीं किया था। न ही कोई पुलिस गाइड लिया था। इसलिए सेना का कहना है कि यह ‘गलत पहचान’ थी। प्राथमिकी में पुलिस ने ‘सुरक्षा बलों की मंशा नागरिकों की हत्या और घायल करना’ बताया है। हिंसा में एक जवान की भी मौत हुई। बाद में एक और घायल ग्रामीण की मौत हो जाने से इस घटना में अब तक कुल 15 लोगों की मौत हो चुकी है।
म्यांमार की सीमा से सटे नगालैंड का मोन जिला AFSPA ACT के तहत है। इसलिए जब तक केंद्र सरकार अनुमति नहीं देती, तब तक सेना पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है, किन्तु यह एक दुर्लभ मामला है, जिसमें पुलिस ने नागरिकों पर गोलीबारी के आरोप में सेना के विशेष बलों के खिलाफ स्वत: हत्या के आरोप दायर किए हैं।
मोन जिले में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। शनिवार की शाम पैरा फोर्सेज के एक ऑपरेशन में गलत पहचान की वजह से 13 ग्रामीणों की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने असम राइफल के कैम्प पर धावा बोल दिया। इस झड़प में सेना का एक जवान घायल हो गया था, जिसकी रविवार को मौत हो गई। बाद में एक और घायल ग्रामीण की मौत हो जाने से इस घटना में अब तक कुल 15 लोगों की मौत हो चुकी है।
नगालैंड के मोन जिले में एक समय में पांच से अधिक लोगों की सार्वजनिक सभा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, और वाणिज्यिक वाहनों सहित गैर-आवश्यक प्रकृति के सभी वाहनों की आवाजाही को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है। राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए पांच सदस्यों की एक SIT का गठन किया है। उधर, सेना ने भी कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए हैं।

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