‘मिलकर जीतेंगे ये जंग’ ग्रुप ने सीएम को दिया सुझाव, हर पहाड़ी जिले में तत्काल बनाएं 100 बेड के अस्थायी अस्पताल

‘मिलकर जीतेंगे ये जंग’ के प्रतिनिधिमंडल ने आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से उनके निजी आवास पर भेंट कर कोविड प्रबंधन में धरातल पर आ रही समस्याओं से अवगत कराया। इस ग्रुप में कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में भागीदारी निभा रहे चुनिंदा पत्रकारों, राज्य आंदोलनकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, चिकित्सकों और विभिन्न चिकित्सालय के जनसंपर्क अधिकारी शामिल हैं। ग्रुप के सदस्यों ने सीएम तीरथ सिंह रावत को कोरोना संक्रमण की रोकथाम और संक्रमितों को बेहतर इलाज के संदर्भ में कई अहम सुझाव भी दिए। राज्य में संक्रमण और मृत्यु बढ़ने पर गंभीर चिंता जताते हुए इसे रोकने के लिए जिलों में टेस्टिंग और कांटेक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने समेत ठोस उपाय किए जाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में समुचित कदम उठाने की प्रतिक्रिया दी।
सदस्यों ने संक्रमितों को होम आइशोलेशन किट का वितरण प्रभावी ढंग से होने के बजाय टालमटोल, अधिकांश निजी अस्पतालों में राज्य के बाहर के लोगों के लिए बेड रिजर्व रखे जाने और मरीजों के तीमारदारों से ‘पैकेज’ के नाम पर ईलाज का भारी-भरकम खर्च वसूले जाने जैसी शिकायतें मिल रही हैं। ज्यादातर जिलों में सीएमओ के एक्टिव न होने, हेल्पलाइन व टेस्ट संबंधी प्राइवेट लैब्स के नंबरों से अधिकांशत: कोई हेल्प न मिलने, अधिकारियों के फील्ड में न निकलने जैसी अनेक गड़बड़ियों की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया। साथ ही समुचित कदम उठाए जाने का आग्रह किया गया।
प्रतिनिधिमंडल ने ऋषिकेश और हल्द्वानी में बन रहे अस्थायी अस्पतालों के अतिरिक्त पहाड़ के हर जिले अथवा दो जिलों के केंद्र में स्कूल या अन्य सरकारी भवन में तत्काल 100-100 बेड का अस्थायी कोविड अस्पताल बनाने का सुझाव दिया। साथ ही उसमें आसपास के सीएचसी-पीएचसी के स्टाफ को लगाते हुए कोरोना संक्रमितों का ईलाज शुरू करवाने का आग्रह किया गया। सुझाव दिया गया कि केवल गंभीर मामलों को ही इन अस्थायी अस्पतालों से हायर सेंटर रेफर किया जाए।
साथ ही पहाड़ में आईटीबीपी, एसएसबी आदि और देहरादून में केंद्रीय संस्थानों के डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ समेत इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग किया जाना चाहिए। राज्य को विभिन्न हेल्थ स्कीम में केंद्र से मिले बजट को फिलहाल कोविड में डायवर्ट करने का भी सुझाव भी दिया गया। प्रतिनिधमंडल ने सरकारी अस्पतालों में दिन-रात सेवा में जुटे उपनल व ठेका आदि के स्टाफ और सफाई कर्मियों को बेहद कम भुगतान होने का जिक्र करते हुए इन सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स को समुचित प्रोत्साहन व उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया।
प्रतिनिधिमंडल में ग्रुप के वरिष्ठ सदस्य राजीव उनियाल, जितेंद्र अंथवाल, जोगेंद्र पुंडीर, प्रदीप कुकरेती, मनीष भट्ट, गौरव मिश्रा शामिल रहे। इसके अलावा वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र सती और चांद मोहम्मद फोन के माध्यम से बातचीत का हिस्सा बने। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से पत्रकारों के लिए लगाए जा रहे वैक्सीन कैंप में उनके परिवार के सदस्यों को भी वैक्सीन लगाने के निर्देश देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने इस पर तत्काल सहमति दी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।