ललित मोहन गहतोड़ी का कुमाऊंनी गीत- दिन महीना
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दिन महीना…
दिन महीना इन सालों
दिन वार भेटी रौ-3
तुमरो लै हमरो लगै
संसार बची रौ-3
दिन महीना इन…
कुड़ि को भरान बची रौ
भितर को सयान बची रौ
गोठकि धिनालि बची रौ
गाड़ गदेरौ पानि बची रौ
तुमरो लै हमरो लगै
परिवार बची रौ-3
दिन महीना इन…
धन माया संपत्ति बची रौ
घर-बार दंपत्ति बची रौ
देवि देबुता थान बची रौ
मंदिर दियान बची रौ
तुमरो लै हमरो लगै
संस्कार बची रौ-3
दिन महीना इन…
आन बची रौ शान बची रौ
सबन को परान बची रौ
नान ठुला भरम बची रौ
दान और धरम बची रौ
तुमरो लै हमरो लगै
घरबार बची रौ-3
दिन महीना इन…
कवि का परिचय
नाम-ललित मोहन गहतोड़ी
शिक्षा :
हाईस्कूल, 1993
इंटरमीडिएट, 1996
स्नातक, 1999
डिप्लोमा इन स्टेनोग्राफी, 2000
निवासी-जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट
जिला चंपावत, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।