उत्तराखंड में छूटे आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की मांग को लेकर संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन को दिया ज्ञापन
उत्तराखंड में छूटे राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की मांग को लेकर एक संयक्त प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। जिलाधिकारी को संबोधित इस ज्ञापन को सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह को दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस संयुक्त ज्ञापन में कहा गया कि उत्तराखंड आन्दोलन के छूटे हुए आंदोललनकारियों के चिह्नीकरण की मांग लंबे समय से चली आ रही है। विभिन्न संगठन सभी उचित माध्यमों में प्रदर्शन, धरने तथा ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध करते रहे हैं। इसके बावजूद समुचित कार्यवाही नहीं होने से आंदोलनकारियों में रोष व्याप्त है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये की गई मांग
1-चिह्नीकरण के आधार का सरलीकरण किया गाया। इसके तहत आन्दोलन के दौरान गिरफ्तार, पुलिस की ओर से डिटेंड करना, समाचार पत्रों की कतरने या फिर वरिष्ठ आन्दोलनकारियों की ओर से सत्यापन को आधार बनाया जाये।
2- चिह्नीकरण के बारे में आन्दोलनकारियों की चयन समिति की सहायता ली जाए।
3-संदिग्ध आवेदकों का चयन न किया जाये।
4-चिह्नीकरण को पारदर्शी बनाया जाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन देने वालों में ये रहे शामिल
ज्ञापन देने वालों में सीपीआईएम से अनंत आकाशी, सीटू से लेखराज, आरयूपी से नवनीत गुंसाई, यूकेडी से एपी जुयाल, प्रमिला रावत, मेजर (अ.प्रा.) सन्तोष रावत जनवादी महिला समिति से इन्दु नौडियाल, नुरैशा अन्सारी, महिला मंच से कमला पंत, निर्मला बिष्ट के साथ ही बालेश बबानिया, प्रभात डंडरियाल आदि शामिल थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।