अंतरराष्ट्रीय योग दिवसः उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक योग, विभिन्न संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि योग भारत की प्राचीनतम और समृद्ध परम्परा की एक पहचान है। पूरी मनुष्यता को हमारे ऋषि-मुनियों की यह महत्वपूर्ण देन है। योग साधना के द्वारा हम शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘योग’ भारतीय सभ्यता, संस्कृति तथा जीवन शैली का अभिन्न अंग रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सार्थक प्रयासों से योग को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना देशवासियों के लिए गर्व की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग के द्वारा आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है। यह आत्मा को परमात्मा से मिलाने का सेतु भी है। योग जोडने का कार्य करता है। इसी का प्रतिफल है कि आज दुनिया योग को अपना रही है तथा योग के लिये दुनिया भारत की ओर देख रही है। योग ने देश व दुनिया को स्वस्थता का भी संदेश दिया है। हमारे योगाचार्यों ने भी योग को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने योग को भारत की विशिष्ट पहचान बताते हुए कहा कि योग में मन और चित की मलिनता को दूर करने की ताकत है। योग ने मनुष्य की सुख शान्ति की राह प्रशस्त की है। महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है। हर मनुष्य का परम लक्ष्य सुख और शांति की प्राप्ति है जिसमें योग की बड़ी भूमिका है।
राज्यपाल ने दी बधाई
वहीं, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से नि) गुरमीत सिंह ने अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा योग शरीर, मस्तिष्क एवं आत्मा को एक सकारात्मक ऊर्जा एवं स्वस्थ जीवन जीने की शक्ति देता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड योग प्रदेश है यहां हरिद्वार और ऋषिकेश योग के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। पूरे विश्व को योग की प्रेरणा भारत से ही मिली है।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद योग और प्राणायाम का महत्व और भी बढ़ गया है। कोरोना महामारी ने हमें स्वास्थ्य का ध्यान रखने व प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सबक सिखाया है। योग, प्राणायाम और आयुष व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक हैं। उन्होंने लोगों से अपने दैनिक जीवनचर्या में योग को अपनाने की अपील की है।
एनसीसी कैडिटों ने किया योग
टिहरी के बादशाहीथौल में आयोजित एक भारत, श्रेष्ठ भारत एनसीसी कैंप में आज कैडेस्ट ने योग किया। ये संयुक्त शिविर 31 बटालियन एनसीसी हरिद्वार ग्रुप रूडकी और गुजरात निदेशालय की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। इसमें 600 से अधिक कैडिट प्रतिभाग कर रहे हैं। योग दिवस पर कैम्प कमांडेंट ब्रिगेडियर के वेणुगोपाल सेना मेडल की मौजूदगी मे प्रातः काल कैडिटों ने योग किया। इस दौरन कैडेटों ने शानदार फार्मेशन बनाई और तब योग किया। डिप्टी कैंप कमांडेंट कर्नल पीएस सिकरवार, ट्रेनिंग आफिसर कर्नल डीबी राणा, मेजर सरिता परिहार, कैप्टन नीता दुबे, कैप्टन सुशील रावत, कैप्टन हरीश सिंह बिष्ट, कैप्टन धर्मेन्द्र तिवारी, लेफ्टिनेंट सुषमा, लेफ्टिनेंट डॉ रविंद्र सिंह, लेप्टिनेंट अमित, एनसीसी ऑफिसर डॉ हेमन्त पैन्यूली, अमित जे परमार, सूबेदार मेजर एचबी गुरंग, सूबेदार आरबी गुरुंग आदि सभी स्टाफ मौजूद रहा।
एसआरएचयू में योग दिवस पर विभन्न कार्यक्रम
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। विश्वविद्यालय के सेंट्रल पार्क में आयोजित में विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राएं, फैकल्टी व स्टाफ ने योग किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थापक डॉ.स्वामी राम की वंदना के साथ हुआ। प्रति-कुलपति डॉ. विजेंद्र चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. चौहान ने कहा कि कोविड काल में हर तरफ नेगेटिविटी थी, लेकिन योग ने इससे उबरने की शक्ति प्रदान की। योग किसी के एक व्यक्ति विशेष के लिए नहीं, बल्कि योग पूरी मानवता के लिए है। भय, मानसिक अवसाद, उदासीनता के बीच स्वस्थ मन के साथ कैसे रहें योग यह बताता है। इसके बाद मौजूद सभी लोगों को योगा प्रोटोकोल का अभ्यास कराया गया। संचालन डॉ. राम नारायण मिश्र ने किया। इस दौरान हिमलायन स्कूल ऑफ योगा साइंसेज (एचएसवाईएस) के छात्र-छात्राओं ने योग आसनों का डेमो प्रस्तुत किया गया। इस दौरान कुलसचिव डॉ. सुशीला शर्मा, डॉ. डीसी धस्माना, डॉ. योगेंद्र सिंह, डॉ. अनविता सिंह, पूजा जोशी थपलियाल, नीलम रावत आदि मौजूद रहे।
एम्स में मनाया योग दिवस, 500 लोगों ने किया प्रतिभाग
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। छह दिवसीय कार्यक्रम के तहत संस्थान में बीती 16 जून से 21 जून तक विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यशाला में लगभग 500 लोगों ने प्रतिभाग किया। मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एम्स ऋषिकेश में आयुष विभाग के तत्वावधान में इस वर्ष की थीम मानवता के लिए योग पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर एम्स निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी ने कहा कि योग एक समय में ऋषि-मुनियों की ओर से ही किया जाता था, परंतु अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के तहत यह हर व्यक्ति तक पहुंच चुका है। लिहाजा हर साधारण व्यक्ति को भी इसका लाभ और इसके विषय में ज्ञान है। उन्होंने निरोगी व दीर्घजीवन प्राप्त करने के लिए योग को नियमितरूप से अपनाने पर जोर दिया।
विशिष्ट अतिथि डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने बताया कि योग शरीर, मन और आत्मा के मिलन का माध्यम है। उन्होंने कहा कि योग 5000 वर्ष से चली आ रही प्राचीन पद्धति है, जो मनुष्य की रोग प्रतिरोधक शक्ति में सुधार करने में मदद करती है। एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने योग को दिनचर्या में शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने निरोगी रहने के लिए नियमित योगाभ्यास जरूरी है।
समारोह में संस्थान की आयुष विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना ने कहा कि योग सार्वभौम का प्रतीक है, स्वास्थ्य और कल्याण की आकांक्षा के लिए यह जीरो बजट में स्वास्थ्य बीमा है। उन्होंने कहा कि योग एक भारतीय पद्धति होने के कारण हमें इसको बढ़ावा देना चाहिए, प्रो. वर्तिका सक्सेना ने कहा कि खासकर कोविड-19 से निकलने में हमारी प्राचीन पद्धतियों में योग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
समारोह में संस्थान के एमएस प्रोफेसर संजीव मित्तल, प्रिंसिपल कॉलेज ऑफ नर्सिंग डॉ. स्मृति अरोड़ा, अधीक्षण अभियंता बीएस रावत, सीनियर एओ शशिकांत, जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल, प्रशासनिक अधिकारी प्रदीप पांडे सहित सभी संकाय सदस्य और नर्सिंग कर्मचारीगण मौजूद रहे। कार्यशाला के आयोजन में रिसर्च ऑफिसर डा. अमेटी, डा. वामा, योगा इंस्ट्रक्टर दीपचंद जोशी, पीएचडी योगा स्टूडेंट्स अनीता, विकास के अलावा संदीप भंडारी, किरन बर्तवाल, बीना, अमित भारद्वाज, अत्रेस, सीमा, राहुल, रंजना, अमन आदि ने सहयोग प्रदान किया।
यूसर्क से आनलाइन जुड़कर भी किया गया योग
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस-2022 के अवसर पर उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) की ओर से योग पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रो. डा. अनीता रावत ने कहा कि योग हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। मनुष्य एवं मानवता दोनों के लिये योग बहुत आवश्यक है। प्राचीन काल से ही भारत द्वारा योग को अपनाया जाता रहा है। भारत सरकार के प्रयासों से योग को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्रदान की गई और आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है।
यूसर्क के वैज्ञानिक डा. ओम प्रकाश नौटियाल ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि योग के द्वारा प्रत्येक मनुष्य अपनी छुपी हुयी योग्यता, क्षमता एवं आन्तरिक शक्तियों का विकास कर सकता है। योग से मन, मस्तिष्क एवं शरीर स्वस्थ रखा जा सकता है। कार्यक्रम में योग प्रशिक्षक के रूप में एसजीआरआर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं अध्यक्ष, हिमालयन योग शोध संस्थान, देहरादून के योगाचार्य डा. अनिल थपलियाल ने योग के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुये बताया कि किस बीमारी के निदान में कौन सा योग लाभकारी होता है। उन्होंने कार्यक्रम में देहरादून, टिहरी व अन्य स्थानों से आनलाइन माध्यम से जुड़े हुये 45 प्रतिभागियों को विभिन्न प्रकार के योग व आसन कराये तथा उनका महत्व भी समझाया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से देश के विभिन्न स्थानों से यूसर्क के गणितीय विज्ञान कार्यक्रम टिहरी में प्रतिभाग करने आये विभिन्न प्रदेशों के शिक्षकों, प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों सहित यूसर्क के वैज्ञानिक डा ओम प्रकाश नौटियाल, डा भवतोष शर्मा, डा राजेन्द्र सिंह राणा, ई ओम जोशी, ई उमेश चन्द्र, शिवानी पोखरियाल सहित 45 लोगों ने आनलाइन प्रतिभाग किया।
कोविड महामारी के दौरान कारगर साबित हुआ योग: महाराज
प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायतीराज, संस्कृति, धर्मस्व, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम प्रबंधन मंत्री सतपाल महाराज ने तुलास् इंस्टीट्यूट परिसर में सुकामना फाउंडेशन एंड ट्रस्ट द्वारा मंगलवार को आयोजित आठवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उपस्थित छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए योग के महत्व को बताया। इस दौरान तुलास् इस्टीट्यूट एवं पैट्रोलियम यूनिवर्सिटी के छात्र- छात्राओं ने विभिन्न आसनों के माध्यम से योग का प्रदर्शन भी किया।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि योग शब्द का भारतीय संस्कृति में बडा महत्व है। गणित में दो या दो से अधिक संख्याओं के जोड़ को योग कहते हैं। चिकित्सा शास्त्र में विभिन्न औषधियों के मिश्रण को योग कहते हैं। यहां तक कि ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की विभिन्न स्थितियों को भी योग कहते हैं। इस प्रकार से बहुत से अन्य क्षेत्रों में योग शब्द का विभिन्न अर्थों में प्रयोग किया गया है। आध्यात्मिक दृष्टि से योग शब्द का अर्थ अपने आप को परमात्मा से जोड़ना है। महर्षि पतंजलि ने शरीर की वृत्तियों को शांत करने के लिए योग के महत्व को बताया है।
उन्होंने कहा कि आजकल की भाग-दौड़ वाली जिंदगी में खान पान के तरीकों के चलते लोगों को स्वस्थ्य संबंधी बहुत अधिक समस्यायें हैं। ऐसे में लोग इन समस्याओं से राहत पाने के लिए कई तरह की दवाओं का सेवन करते हैं। कुछ समय के लिए तो यह सही हैं लेकिन हमेशा के लिए दवाइयों पर निर्भरता शरीर के लिए घातक है। अगर आप चाहें तो व्यायाम और योगासन के द्वारा अपनी बिगड़ती सेहत को सुधार सकते हैं।
तुलास् इंस्टीट्यूट के साथ-साथ अन्य इंस्टिट्यूट से आए छात्र छात्राओं से कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कोविड जैसी महामारी के दौरान योग एक मजबूत ढाल के रूप में दिखाई दिया है। नियमित रूप से और सही तरह से आसान योग करने पर स्वस्थ तन और सुंदर मन मिलता है। फिट और स्वस्थ रहने के लिए आजकल हेल्थ क्लब्स, स्कूल्स और हॉस्पिटल्स में भी योग करवाया जाने लगा है। उन्होंने बताया कि इस बार योग का यह आयोजन “मानवता के लिए योग” की थीम पर आधारित है। इसलिए हम सभी को मिलकर ऐसे आयोजनों को सफल बनाने के साथ-साथ योग की लोकप्रियता को आगे बढ़ाने का काम करना है। इस अवसर पर तुलास् इंस्टीट्यूट के सुनील कुमार जैन, सुश्री रौनक जैन, राघव गर्ग, संदीप विजया, डीन शिक्षाविद निशान्त सक्सेना, डीन कृषि और प्रबंधन डॉ. रनित किशोर, पवन कुमार आदि मौजूद थे।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।