रूस से रक्षा और ऊर्जा खरीद को लेकर यूएस की सलाह पर नहीं चलेगा भारत, यूएस ने किया नए प्रतिबंधों का ऐलान
अमेरिका की एक प्रमुख वैश्विक रणनीति और वाणिज्यिक कूटनीति फर्म ने कहा कि भारत रूस से रक्षा और ऊर्जा खरीद के विकल्प पर अमेरिका की सलाह का पालन नहीं करेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी विदेश मंत्री विक्टोरिया नुलैंड ने अप्रैल में होने वाली वार्षिक बैठक से पहले दिल्ली का दौरा किया। कथित तौर पर भारतीयों से रूस के लिए वैकल्पिक रक्षा और ऊर्जा खरीद विकल्पों को आगे बढ़ाने का आग्रह किया, लेकिन ये संभावना नहीं है कि भारत सरकार इस सलाह का पालन करेगा। कम से कम उतनी जल्दी नहीं, जितनी जल्दी वाशिंगटन चाहता है।
अलब्राइट स्टोनब्रिज ग्रुप ने कहा कि ये चीज अमेरिकी राजनेताओं और जनता के बीच एक भागीदार के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को कम कर सकती है। प्रशासन के विश्वास को कम कर सकती है। दरअसल रूस- यूक्रेन युद्ध पर भारत ने खुद को निष्पक्ष रखा है और रूस से अपने संबंधों को बरकरार रखा है। अमेरिका सहित कई देश चाहते हैं कि भारत भी उनकी तरह रूस के साथ सारे संबंध तोड़ दे और किसी भी तरह का व्यापार न करे, लेकिन भारत सरकार ये साफ कर चुकी है कि भारतीयों के हित को देखते ही वो फैसले लेगी।
सैन्य उपकरणों में निवेश जारी रखना भारत के हित में नहींः यूएस
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने मंगलवार को सांसदों से कहा कि रूसी सैन्य उपकरणों में निवेश जारी रखना भारत के हित में नहीं है। हम ये सुनिश्चित करने के लिए उनके (भारत) के साथ काम करना जारी रखते हैं कि वे समझते हैं, हम मानते हैं कि रूसी उपकरणों में निवेश करना उनके हित में नहीं है। आगे बढ़ने की हमारी आवश्यकता यह है कि वे उन उपकरणों के प्रकारों को कम करें। जिनमें वे निवेश कर रहे हैं और उन चीजों के प्रकारों में अधिक निवेश करना चाहते हैं जो हमें संगत बने रहेंगे।
ऑस्टिन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के पास दुनिया की बेहतरीन हथियार प्रणालियां और दुनिया की सबसे उन्नत हथियार प्रणालियां हैं। इसलिए, हमारे पास कई क्षमताएं हैं जो हम (भारत को) प्रदान कर सकते हैं या पेशकश कर सकते हैं। रक्षा सचिव ने ये जवाब जो विल्सन के एक प्रश्न के उत्तर में दिया है। कांग्रेस के करीबी माने जाने वाल जो विल्सन ने हाल ही में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण पर एक स्वतंत्र स्थिति लेने के भारत के निर्णय की आलोचना की है।
विल्सन ने कहा कि भयानक रूप से, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, हमारा क़ीमती सहयोगी भारत ने अमेरिकी और संबद्ध विकल्पों पर रूसी हथियार प्रणालियों को चुनकर क्रेमलिन का साथ दिया है। मुझे उम्मीद है कि आप भारत के महान लोगों के साथ काम करना जारी रखेंगे। अगर हम बिक्री पर कुछ प्रतिबंधों को हटा दें तो वे कितने अच्छे सहयोगी हो सकते हैं।
रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी
रूसी सेना यूक्रेन में भयंकर तबाही मचा रही है. हमले में यूक्रेन में जान-माल को काफी नुकसान पहुंचा है। इस बीच अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों का रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों का दौर जारी है। इसी कड़ी में बुधवार को सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएफपी को जानकारी दी कि संयुक्त राज्य अमेरिका, जी 7 और यूरोपीय संघ रूस के खिलाफ और नए प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, रूस के खिलाफ ये देश मिलकर ‘सभी नए निवेशों’ पर प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं। साथ ही इनके वित्तीय संस्थान, राज्य के स्वामित्व वाले उद्यम और रूसी सरकार के अधिकारियों पर भी नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे। सूत्रों ने बताया कि यूक्रेन के शहर बुचा में रूसी सैनिकों द्वारा नागरिकों के खिलाफ किए गए अत्याचारों के सबूत मिलने पर रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का ऐलान किया गया है।
गौरतलब है कि सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुचा में बड़े पैमाने पर नागरिकों की हत्या को लेकर कहा, रूस का रवैया आतंकवादियों से अलग नहीं है। उन्होंने कहा कि बुचा शहर को रूसी सेना के कब्जे से छुड़ाने के बाद वहां पर सामूहिक कब्रें मिली हैं। लोगों के शव मिले हैं। कम से कम 300 नागरिक मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि बोरोडंका और अन्य शहरों में भी हताहतों की संख्या बढ़ सकती है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।