आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय में बढ़ोत्तरी, एक संगठन ने सीएम का जताया आभार, दूसरे ने कहा जारी रहेगा संघर्ष
अब आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय में 1800 रुपये, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के वेतन में 1500 और आंगनवाड़ी सहायिकाओं के वेतन में 1500 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है। आईसीडीएस विभाग के अन्तर्गत वर्तमान समय में प्रदेश में कुल आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की संख्या 14947, आंगनवाड़ी सहायिकाओं की संख्या 14947, मिनी आंगनवाडी कार्यकत्रियों की संख्या 5120 है। इस प्रकार कुल संख्या 35014 है। राज्य सरकार की ओर से मानदेय में की गई वृद्धि के बाद अब आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों कुल मासिक मानदेय 9300 रूपये, आंगनवाड़ी सहायिका को कुल मासिक मानदेय 5250 रुपये और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को कुल मासिक मानदेय 6250 रूपये दिया जाएगा।आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां काफी समय से वेतनमान को लेकर आंदोलन कर रही थीं। हालांकि उनकी मांगों में आंगनवाड़ी को 21 हजार रुपये तथा सहायिकाओं के लिए 18हजार न्यूनतम वेतन घोषित करने, मिनी आंगनवाड़ियों के लिये समान कार्य के लिये समान वेतन घोषित करने,गौराधन योजना का लाभ भी आंगनवाड़ियों को देने की मांग शामिल थीं।
कार्यकत्रियों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को देर सायं मुख्यमंत्री आवास में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के नेतृत्व में बड़ी संख्या में आयी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने भेंट की। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्तीयों को रूपये 1800 व मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों को रूपये 1500 तथा आंगनवाड़ी सहायिकाओं को रूपये 1500 की मासिक मानदेय वृद्धि किये जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास श्री हरि चन्द्र सेमवाल भी उपस्थित थे।
सीटू ने बताया संघर्ष की जीत, जारी रहेगा संघर्ष
आंगनवाड़ी कार्यकत्री सेविका कर्मचारी यूनियन उत्तराखंड (सीआईटीयू) की ओर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ती सहायिका मिनी कार्यकर्ती को मानदेय में वृद्धि की का स्वागत करते हुए इसे संघर्षो की जीत बताया। यूनियन की महामंत्री चित्रकला ने मानदेय व्रद्धि का स्वागत करते हुए कहा कि अन्य मांगों व 21000 व 18000 रु मानदेय का संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हालांकि, संगठन इस मानदेय वृद्धि से खुश नहीं है। संगठन इस सरकार से ज्यादा उम्मीद नहीं कर सकता था। संगठन हमेशा मानदेय वृद्धि की लड़ाई जारी रखेगा। जो बड़ा है उसका भी स्वागत करते हैं। आगे बढ़ाने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा यह हमारे संघर्षों का ही परिणाम है।
खुलेंगे आंगनवाड़ी केंद्र
कोरोनाकाल से बंद पड़े आंगनवाड़ी केंद्रों को दोबारा से खुलेने के संबंध में शासन स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है। इस संबंध में सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप केंद्रों को दोबारा से खोलने के संबंध में आख्या संस्तुति सहित मांगी है।
आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की मांगे
1- ऑगनवाडी कार्यकत्री/मिनी/सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। कार्यकत्री को तृतीय एवं सहायिका को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का दर्जा दिया जाय ।
2- राज्य कर्मचारी घोषित ना होने तक कार्यकत्री को 21000 रुपये एवं सहायिका को 18000 रुपये प्रतिमाह मानदेय भुगतान किया जाय।
3- कार्यकत्रियों को सुपरवाइजर्स तथा सहायिकाओं को कार्यकत्री के पदों पर 100 प्रतिशत प्रोन्नती दी जाय, साथ ही प्रोन्नतियों में आयु सीमा की बाध्यता समाप्त की जाए।
4- ऑगनवाडी/सहायिकाओं की पुत्रीयों को नन्दा देवी/गौरा देवी कन्या विद्या धन योजना का लाभ दिया जाय।
5- वर्ष 2018- 2017 तथा 2019 में दिये गये धरना कार्यक्रम के दौरान ऑगनवाडी कार्यकत्रियों/सहायिकाओं के मानदेय में की गयी कटौती का भुगतान किया जाय।
6-पोषण टेकर एप से ऑगनवाडी कार्यकत्री एवं लाभार्थियों को डाटा लीक हो रहा है। इस एप को सुरक्षा की दृष्टि से बन्द किया जाय,केन्द्रों में सेनेटरी नेप्किन का वितरण। निःशुल्क किया जाय। कार्यकत्रियों को सरकारी बैठकों, प्रशिक्षण में भाग लेने पर आने-जाने का किराया (टीए-डीए) दिया जाय।
7-मानदेय भुगतान प्रतिमाह 7 तारीख तक अनिवार्य रूप से करते हुए पासबुक में मानदेय के साथ माह भी अंकित किया जाय, बीएलओ की धनराशी 6000 रुपये से बढ़ाकर 12000 की जाय।
8- बीमा, फंड की सुविधा के अतिरिक्त सेवानिवृति पर कम से कम 200000 रुपये एक मुश्त धनराशी का भुगतान जाय। साथ ही पेंशन का लाभ भी दिया जाय।
9-ऑगनवाड़ी केन्द्रो में 03 से 06 वर्ष के बच्चों के लिए प्री प्राइमरी लागू किया जाय।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।