Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

August 2, 2025

ललित मोहन गहतोड़ी की कलम से कुमाऊंनी होली भजन-ली बेर फाच्ची

ललित मोहन गहतोड़ी की कलम से कुमाऊंनी होली भजन-ली बेर फाच्ची।

ली बेर फाच्ची…

ली बेर फाच्ची भरी प्यार,
नीली आंखों भरि दुलार।
जादूनगरी को मेरो, रंगीलो श्याम सुंदर।

वीकि दीवानी ईजु मैं लगै है गयुं,
मीठा मीठा स्वीना में वीका मैं रै गयु।
भई भई वी संग प्रीत, लाग्नौ जन्मों मनमीत।।
जादूनगरी को मेरो, रंगीलो…

मन में बसीगै वीकी मोहिनी मूरत,
देखनु चैनुको भुला बड़ो खूबसूरत।
वी संग ल्युलो फेरा सात, मैले करिहाल्छ करार।।
जादूनगरी को मेरो, रंगीलो…

सुन देखौ विरहीले कसो जादू करिहा,
मेरा प्रभु रंग में, मैं पुरो रंगिहा।
सजलो आब जगमग संसार, नैय्या होली बेड़ा पार।।
जादूनगरी को मेरो, रंगीलो…
कवि का परिचय
नाम-ललित मोहन गहतोड़ी
शिक्षा :
हाईस्कूल, 1993
इंटरमीडिएट, 1996
स्नातक, 1999
डिप्लोमा इन स्टेनोग्राफी, 2000
निवासी-जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट
जिला चंपावत, उत्तराखंड।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *