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November 12, 2024

उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्ती को लेकर अभिनव थापर की याचिका पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगा जवाब

उत्तराखंड में विधानसभा में बैकडोर भर्ती घोटालों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर की ओर से दायर जनहित याचिका को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। उनकी अपील पर हाईकोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लिया और सरकार से इसे लेकर जवाब मांगा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पिछले दिनों सोशल मीडिया, समाचार पत्रों व मीडिया के माध्य्म से उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्ती में भ्रष्टाचार व अनियमितता का मामला प्रकाश में आया। इस पर सरकार ने एक जांच समीति बनाकर 2016 से भर्तियों को निरस्त कर दिया। यह घोटाला राज्य 2000 में राज्य बनने से लेकर आज तक चल रहा था। पहले के मामलों में सरकार ने अनदेखी की। इस विषय पर अबतक अपने करीबियों को भ्रष्टाचार से नौकरी लगाने में शामिल सभी विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्रियों पर भी सरकार ने चुप्पी साधी हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ऐसे में विधानसभा भर्ती में भ्रष्टाचार से नौकरियों को लगाने वाले ताकतवर लोगों की हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने के साथ ही सरकारी धन की रिकवरी के लिए देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर ने हाईकोर्ट नैनीताल में जनहित याचिका दायर की। इस पर याचिकाकर्ता ने विषय को महत्वपूर्ण बताते हुए सुनवाई की अपील करी। इसका माननीय हाईकोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जनहित याचिका को लेकर हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश युक्त पीठ ने इस याचिका के विधानसभा बैकडोर नियुक्तियों में हुई अनियमितता व भ्रष्टाचार का मामला संज्ञान ले लिया है। साथ ही सरकार को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने हाईकोर्ट के समक्ष मुख्य बिंदु में कहा कि इन भर्तियों में सरकार के 2003 के शासनादेश, जिसमें तदर्थ नियुक्ति पर रोक, संविधान की आर्टिकल 14, 16 व 187 का उल्लंघन किया है। इसमें हर नागरिक को नौकरियों के समान अधिकार व नियमानुसार भर्ती का प्रावधान है। ऐसे में उत्तर प्रदेश विधानसभा की 1974 व उत्तराखंड विधानसभा की 2011 नियमवलयों का उल्लंघन किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने बताया कि याचिका में मांग की गई है की राज्य निर्माण के वर्ष 2000 से 2022 तक समस्त नियुक्तियों की जाँच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में किया जाए। साथ ही भ्रष्टाचारियों से सरकारी धन के लूट को वसूला जाय। इसमें कहा गया है कि सरकार ने पक्षपातपूर्ण कार्य कर अपने करीबियों को नियमों को दरकिनार करते हुए नौकरियां दी है। इससे प्रदेश के लाखों बेरोजगार व शिक्षित युवाओं के साथ धोखा किया है। यह सरकारों की ओर से जघन्य किस्म का भ्रष्टाचार है और वर्तमान सरकार भी दोषियों पर कोई कार्यवाही करती दिख नही रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उल्लेखनीय है कि देहरादून निवासी अभिनव थापर कोरोनकाल व अन्य कई विषयों पर समाजसेवा में अपनी भागीदारी दी है। पूर्व में भी उत्तराखंड में पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं, राज्य के राजस्व के लिए THDC में 100 फीसद शेयर, उत्तराखंड के मूल निवासियों के 70 फीसद रोजगार, कोरोनकाल में निजी अस्पतालों की लूट की वापसी के लिए कई विषयों पर सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट नैनीताल में जनहित याचिकाओं के माध्यम से संघर्ष कर रहे है।

 

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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