हरीश रावत पंजाब प्रभारी और कांग्रेस महासचिव के प्रभार से मुक्त, दूसरे हरीश को लाए
चाहे राजस्थान में कांग्रेस में चली उठापटक हो या फिर पंजाब कांग्रेस में। इन दोनों मामलों में हरीश रावत ने मध्यस्थता की भूमिका अदा की थी। अब चूंकि उत्तराखंड में वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में हरीश रावत कई बार पंजाब के दायित्व से खुद को मुक्त करने की गुहार लगा चुके थे। इस संबंध में कई बार उनका बयान भी आया था। क्योंकि वह उत्तराखंड में ज्यादा वक्त नहीं दे पा रहे थे। इसी के मद्देनजर कांग्रेस आलाकमान ने ये फैसला गिया है।
हरीश रावत ने सोशल मीडिया में इसकी जानकारी शेयर की है। उन्होंने लिखा कि-मैं, माननीया कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनियागांधी जी, श्री राहुल गांधी जी और कांग्रेस के नेतृत्व को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने पंजाब के दायित्व से मुझे मुक्त करने का जो मेरा अनुरोध था उसे स्वीकार किया। और मैं पंजाब कांग्रेस के सभी अपने साथी, सहयोगियों को उनके द्वारा मेरे कार्यकाल में प्रदत सहयोग के लिए भी बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। पंजाब कांग्रेस व पंजाब के साथ हमारा प्रेम, स्नेह, समर्थन हमेशा यथावत बना रहेगा। मेरा प्रयास रहेगा कि चुनाव के दौरान मैं पंजाब कांग्रेस के साथ खड़ा होने के लिए वहां पहुंचू और मैं पंजाब कांग्रेस के नेतृत्व से भी विशेष तौर पर मुख्यमंत्री और अपने कुछ मंत्रीगणों, कांग्रेस अध्यक्ष से प्रार्थना करना चाहूंगा कि वो उत्तराखंड के चुनाव में भी रुचि लें और यहां आकर हमारी पीठ ठोकने का काम करें।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।