ग्राफिक एरा के लक्ष्य सेन ने ओलम्पिक में रचा इतिहास, बैडमिंटन मेंस सिंगल के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने, खुशी से झूमे छात्र छात्राएं
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मूल निवासी और ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के छात्र लक्ष्य सेन ने पेरिस ओलंपिक ने इतिहास रच दिया। भारतीय शटलर लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन के पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में चाउ टीएन चेन को 19-21, 21-15, 21-12 से मात दी। इसके साथ ही सेन ओलंपिक में बैडमिंटन मेंस सिंगल के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय शटलर बन गए हैं। पहला सेट हारने के बाद लक्ष्य ने जोरदार वापसी की और चाउ टीएन चेन को वापसी का कोई मौका नहीं दिया। पेरिस ओलम्पिक में शटलर लक्ष्य सेन के एक नया इतिहास रचते ही ग्राफिक एरा में जश्न शुरु हो गया। देर रात विशाल स्क्रीन पर अपने प्यारे लक्ष्य सेन का रोमांचक मुकाबला देखने के लिए जुटे सैकड़ों छात्र छात्राएं उनकी जीत पर खूब नाचे और खुशियां मनाईं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहले सेट में लक्ष्य को मिली हार
पहले सेट की शुरुआत में लक्ष्य सेन और ताइपे के चाउ टीएन चेन के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। एक समय दोनों एथलीट बराबरी पर थे और स्कोर 9-9 था। इसके बाद चाउ टीएन चेन बढ़त बनाना शुरू की और उन्होंने सेन को वापसी के ज्यादा मौके नहीं दिए। हालांकि, बढ़त बनाने के बाद चाउ टीएन चेन ने कुछ गलतियां की, जिससे सेन ने स्कोर 15-15 पहुंचा दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लक्ष्य सेन ने अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल किया और बढ़त बनाना शुरू कर दी। एक समय सेन 17-15 से आगे थे। यहां से दोनों के बीच कांटे की जंग देखने को मिलती रही और स्कोर 18-18 की बराबरी पर पहुंच गया। इसके बाद चाउ टीएन चेन ने बढ़त बनाई और 21-19 से पहला सेट अपने नाम किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरे सेट की बढ़त के साथ शुरुआत
लक्ष्य सेन ने दूसरे सेट की शुरुआत बढ़त के साथ की। हालांकि, चाउ टीएन चेन ने वापसी में ज्यादा समय नहीं लगाया। इसके बाद दोनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला गेम 5-5 की बराबरी पर पहुंच गया। इसके बाद दोनों प्लेयर मामूली अंतर से आगे पीछे रहे और कुछ देर में ही स्कोर 10-10 की बराबरी पर पहुंच गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद लक्ष्य सेन और चाउ टीएन चेन में जोरदार भिड़ंत जारी रही। कभी सेन बढ़त बनाते तो कभी चाउ आगे निकल जाते। धीरे-धीरे सेन हावी होते गए और स्कोर 18-14 पहुंच गया। इस दौरान चाउ टीएन चेन ने कुछ गलतियां भी कीं। इसका लक्ष्य ने पूरा फायदा उठाया और दूसरा सेट 21-15 से अपने नाम किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तीसरे सेट में लक्ष्य सेन पड़े भारी
तीसरे सेट की शुरुआत से ही दोनों प्लेयर ने जोरदार प्रहार शुरू किया। दोनों एक दूसरे पर भारी पड़ते नजर आ रहे थे। फिर जैसे-जैस मैच आगे बढ़ा सेन की पकड़ मजबूत होती चली गई। वह प्रतिद्वंद्वी पर भारी पड़ते चले गए। तीसरे सेट में पिछड़ने के बाद चाउ टीएन चेन ने वापसी का प्रयास किया, लेकिन लक्ष्य सेन ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया और 21-12 से इस सेट के अपने नाम किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा में मना जश्न, बांटी मिठाई, बड़े स्क्रीन में छात्र छात्राओं ने देखा मैच
लक्ष्य सेन देहरादून में ग्राफिक एरा में एमबीए के छात्र हैं। उनसे ओलम्पिक में गोल्ड मैडल जीतने की उम्मीद है। इन उम्मीदों को हर मैच में बलवती बनाने वाले लक्ष्य सेन का मुकाबला देखने के लिए शुक्रवार की शाम से ही छात्र छात्राओं की भीड़ लगी थी। ताइवान के शटलर चाऊ टियेन चेन से एक सैट में लक्ष्य सेन को पिछड़ते देखकर युवाओं की धड़कने बढ़ गई थीं, लेकिन बाद के दो सैटों में लक्ष्य सेन को आगे निकलते देखकर ग्राफिक एरा का बीटेक ऑडीटोरियम तालियों और नारों से गूंजने लगा। यहां बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लक्ष्य सेन के शिक्षक और विश्वविद्यालय के पदाधिकारी भी बहुत उत्साहित
नजर आये। पेरिस ओलम्पिक में आज का मैच जीतने के साथ ही लक्ष्य सेन ने मेंस सिंगल्स बैडमिंटन के सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई तो विश्वविद्यालय परिसर में रात में ही मिठाइयां बांटी जाने लगी। ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने कहा कि हमारे लक्ष्य सेन ने आज ओलम्पिक में एक नया इतिहास रच दिया है। वह ओलम्पिक के इतिहास में ऐसे पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गये हैं जो सेमीफाइनल में पहुंचे हैं। डॉ घनशाला ने कहा कि लक्ष्य सेन पर ग्राफिक एरा के साथ ही पूरे देश को गर्व है। पूरा विश्वास है कि वह देश के लिए गोल्ड मैडल जरूर जीतेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा के छात्र हैं लक्ष्य सेन
कनाडा ओपन, राष्ट्र मंडल खेल और थॉमस कप के विजेता और बैडमिंटन की दुनिया के चमकते सितारे लक्ष्य सेन ग्राफिक एरा के एमबीए के छात्र हैं। मई, 22 में ग्राफिक एरा में स्वागत समारोह में लक्ष्य सेन ने कॉमन वैल्थ, वर्ल्ड चैम्पियनशिप और फिर ओलम्पिक में गोल्ड जीतने को अपना लक्ष्य बताया था। अब वह इस लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने ग्राफिक एरा में मिले सम्मान और प्रेम को और आगे बढ़ने की प्रेरणा देने वाला बताया। गौरतलब है कि उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणीय एजुकेशनल ग्रुप ग्राफिक एरा राज्य के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने पर सम्मानित भी करता रहता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड निवासी हैं लक्ष्य, चार साल की उम्र में थामा बैडमिंटन
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के तिलकपुर मोहल्ले के रहने वाले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने कम समय में बैडमिंटन में कई सफलताएं अर्जित की हैं। लक्ष्य के दादा सीएल सेन भी बैडमिंटन प्लेयर थे। लक्ष्य को वह चार साल की उम्र में ही बैडमिंटन कोर्ट में ले आए थे। इसके बाद उनके खेल की शुरुआत हुई थी। लक्ष्य के उनके पिता डीके सेन कोच हैं। उन्होंने लक्ष्य को बचपन से ही बैडमिंटन के लिए प्रेरित किया और उन्हें बैडमिंटन के लक्ष्य तक पहुंचाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
2018 में देश के सबसे सम्मानित बैडमिंटन कोचों में से एक डीके सेन ने लक्ष्य के लिए अल्मोड़ा की ज़मीन छोड़ दी। साथ ही भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। यह फ़ैसला लक्ष्य को शहर में अपना करियर शुरू करने में मदद करने के लिए लिया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लक्ष्य सेन के भाई चिराग सेन भी इंटरनेशनल लेवल पर बैडमिंटन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। अपने बेटे को बैडमिंटन की अच्छी ट्रेनिंग देने के लिए डीकेसेन अल्मोड़ा छोड़ बेंगलुरु में बस गए थे। बेंगलुरु में लक्ष्य सेन ने प्रकाश पादुकोण एकेडमी में दाखिला लिया था, जहां उन्होंने ट्रायल के दौरान के दौरान अपनी प्रतिभा से प्रकाश पादुकोण को हैरत में डाल दिया था।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।