Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 6, 2025

ग्राफिक एरा अस्पताल ने प्लास्टिक सर्जरी से लौटाई शिशु की मुस्कान, आयुष्मान योजना से मिला लाभ

देहरादून में ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञों ने शिशु के कटे होंट का उपचार करने में सफलता हासिल की है। यह उपचार आयुष्मान भारत स्कीम के तहत निशुल्क किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ग्राफिक एरा अस्पताल में ही जन्मा चार माह का शिशु जन्मजात कटे होंठ की समस्या से जूझ रहा था। ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञों की टीम ने प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी की मदद से शिशु के कटे होंठ का सफलतापूर्वक उपचार कर दिया। उपचार करने वाले विशेषज्ञों की टीम में प्लास्टिक सर्जन डॉ. निशंक मनोहर व अन्य चिकित्सक शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ. निशंक मनोहर ने बताया कि उपचार के लिए आए शिशु का जन्म अगस्त में ग्राफिक एरा अस्पताल में हुआ था। उसका बाईं ओर का होंट कटा हुआ था। इसके बाद माता-पिता की काउंसलिंग करके उन्हें शिशु को भोजन कराने के सही तरीकों की जानकारी दी गई। 60 मिनट तक चली सर्जरी के दौरान शिशु का वजन 7 किलोग्राम था व उसे जनरल एनेस्थीसिया दिया गया था। शिशु को सर्जरी के 2 घंटे के अंदर ही आहार दिया गया और 24 घंटे बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि कटे होंठ व कटे तालु की समस्या लगभग 700 जन्मों में से एक में पाई जाती है। ऐसे मामलों में उपचार जन्म से तीन-चार महीनों के बाद ही किया जाता है। इस समस्या से जूझ रहे शिशुओं को भोजन संबंधी कठिनाइयों, बोलने में तकलीफ, वजन बढ़ने, अपर रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट इनफेक्शन व सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे माता-पिता भी तनावपूर्ण महसूस कर सकते हैं। ग्राफिक एरा अस्पताल में मोजूद अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से कटे होंठ, उंगलियों व चेहरे आदि की सर्जरी सफलतापूर्वक की जा रही है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *