गोलेन्द्र पटेल की कविता-स्त्री, औरत और महिला में क्या अंतर है?

स्त्री, औरत और महिला में क्या अंतर है?
हमारी भाषा में सच तो यही है कि
दो शब्द एक दूसरे के पर्यायवाची नहीं होते
स्त्री, औरत और महिला में क्या अंतर है?
नारीवादी दृष्टि में ‘स्त्री’ वह संज्ञा है
जो अपनी अस्मिता का अन्वेषण कर रही है
और वह अन्य दोनों संज्ञाओं को अपने में समेटी हुई है
‘महिला’ वह संवैधानिक शब्द है
जो सभ्य, शिष्ट और शिक्षित की ओर संकते करता है
लेकिन ‘औरत’ वह साहित्यिक शब्द है
जो अनपढ़, असहाय और गँवई की ओर संकते करता है
हालांकि वाचक और बोधक के बीच
ये संज्ञाएँ
अपने अलग-अलग अर्थ का बोध कराती हैं
ये संज्ञाएँ अपने अस्तित्व के लिए
संघर्षरत हैं
पुरुषों के व्याकरण में नारी का विलोम नर है
स्त्री का विलोम पुरुष है
और औरत का विलोम मर्द है
पर, प्रश्न यह है, महिला का विलोम क्या है?
जबकि चारों शारीरिक संरचना में एक हैं!
कवि का परिचय
गोलेन्द्र पटेल
ग्राम खजूरगाँव पोस्ट-साहुपुरी, जिला चंदौली, उत्तर प्रदेश।
व्हाट्सएप नं. : 8429249326
ईमेल : corojivi@gmail.com

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।