पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का निधन, आज दिल्ली स्थित घर में अंतिम दर्शन, कल होगा पैतृक गांव में अंतिम संस्कार

फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के बयान में कहा गया कि जांच के दौरान, उनके पास कोई नाड़ी या रिकॉर्ड करने योग्य रक्तचाप नहीं था। एसीएलएस प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें सीपीआर दिया गया था। सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, उन्हें पुनर्जीवित नहीं किया जा सका और रात 10.19 बजे मृत घोषित कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीएम मोदी ने जताया दुख
शरद यादव के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि शरद यादव के निधन से बहुत दुख हुआ। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे। मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लालू यादव ने कहा- निधन से विचलित
आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव जो फिलहाल सिंगापुर में इलाज करा रहे हैं। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि बड़े भाई शरद यादव के निधन से काफी विचलित और दुखी हूं। हमने राम मनोहर लोहिया समेत कई अन्य नेताओं के साथ मिलकर राजनीति की। वे महान समाजवादी नेता थे। स्पष्टवादी थे। उनसे मैं कभी कभी लड़ भी लेता था। मतभेद होता था, लेकिन मनभेद नहीं। वो अब हमारे बीच नहीं हैं। भगवान उनकी आत्मा को चीर शांति दें। शोकाकुल परिजनों के लिए संवेदनाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तेजस्वी यादव ने भी जताया शोक
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नेता के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूँ। कुछ कह पाने में असमर्थ हूँ। माता जी और भाई शांतनु से वार्ता हुई। दुःख की इस घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बनाई थी अपनी पार्टी
बता दें कि शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का 20 मार्च, 2022 को राष्ट्रीय जनता दल में विलय हुआ था। उनके इस कदम को उनके सहयोगियों के पुनर्वास के प्रयास के रूप में देखा जा रहा था। क्योंकि जनता दल (यू) नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अलग होने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई थी, लेकिन उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव आरजेडी के टिकट पर लड़ा था। वहीं, उनकी बेटी ने 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ा था। उस समय कांग्रेस राजद नीत गठबंधन में शामिल थी। शरद यादव तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे थे। वहीं, वे सात बार लोकसभा के लिए चुने गए थे। बिहार के सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड के संस्थापक सदस्य रहे शरद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन को समाप्त करने और बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के बाद उनका साथ और पार्टी छोड़ दी थी।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।