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June 15, 2025

तेजी से साझा हो सकेंगी चुनाव संबंधी इंडेक्स कार्ड और डेटा रिपोर्ट

भारत निर्वाचन आयोग ने इंडेक्स कार्ड और चुनावी आंकड़ों संबंधी रिपोर्ट को और भी तेजी से साझा करने के लिए सुव्यवस्थित किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की अध्यक्षता में चुनाव आयोग ने मतदान के बाद इंडेक्स कार्ड और डेटा रिपोर्ट तैयार करने के लिए उन्नत तकनीक आधारित प्रणाली को सुव्यवस्थित करने का निर्णय लिया है। यह उन्नत तकनीक पारंपरिक मैनुअल तरीकों की जगह लेगी, जिससे समय की बचत के साथ ही कंपाइलेशन में भी आसानी होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डेटा रिपोर्टिंग प्रारूप है इंडेक्स कार्ड
इंडेक्स कार्ड चुनाव के बाद डेटा रिपोर्टिंग प्रारूप है जिसे भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं, पत्रकारों और आम जनता सहित सभी हितधारकों के लिए निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर चुनाव-संबंधी डेटा की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए एक स्व-प्रेरणा पहल के रूप में विकसित किया गया है। इंडेक्स कार्ड मतदान के बाद प्रत्याशी, मतदाताओं, डाले गए वोटों, गिने गए वोटों, पार्टी एवं प्रत्याशियों का वोट शेयर, जेंडर बेस्ड वोटिंग मतदान पैटर्न, क्षेत्रीय विविधताओं और राजनीतिक दलों के प्रदर्शन जैसे कई आयामों में डेटा प्रसारित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इंडेक्स कार्ड लोकसभा चुनावों के लिए लगभग 35 और विधानसभा चुनावों में 14 सांख्यिकीय रिपोर्ट बनाने का आधार बनता है। ये रिपोर्ट राज्य,लोकसभा एवं विधानसभावार, वोटर्स का विवरण, पोलिंग बूथों की संख्या, राज्य और विधानसभावार पोलिंग, वोटर्स टर्नआउट, महिला वोटर्स की भागीदारी, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों और पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का प्रदर्शन, जीतने वाले उम्मीदवारों का विश्लेषण, क्षेत्रवार विस्तृत परिणाम दर्शाती है। हालाँकि, ये डेटा रिपोर्ट केवल रिसर्च उद्देश्यों के लिए हैं और इंडेक्स कार्ड से प्राप्त डेटा पर आधारित हैं, जबकि प्राथमिक और अंतिम डेटा संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा बनाए गए वैधानिक प्रपत्रों में रहता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब तक प्रचलित व्यवस्था में यह जानकारी निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर मैन्युअल इंडेक्स कार्ड में विभिन्न वैधानिक प्रारूपों का उपयोग करके मैन्युअल रूप से भरी जाती थी। बाद में इन भौतिक इंडेक्स कार्ड का उपयोग सांख्यिकीय रिपोर्ट तैयार करने की सुविधा के लिए ऑनलाइन सिस्टम में डेटा प्रविष्टि के लिए किया गया। यह मैनुअल, बहुस्तरीय प्रक्रिया समय लेने वाली थी और अक्सर डेटा उपलब्धता और प्रसार में देरी का कारण बनती थी।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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