भूकंपः चीन से लेकर नेपाल तक कांपी धरती, 53 की मौत, 62 घायल, उत्तराखंड सहित भारत के कई हिस्सों में किया महसूस
आज मंगलवार सात जनवरी 2025 की सुबह चीन के तिब्बत प्रांत में मंगलवार सुबह आए भूकंप से 53 लोगों की मौत हो गई। कई भवन धराशाई हो गए। साथ ही 62 लोग घायल हो गए। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक रिपोर्ट के मुताबिक सुबह 9.05 बजे यानि कि भारतीय समयानुसार सुबह 6.30 बजे आए इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिजांग में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भूकंप के कारण इससे पूरे क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। तिब्बत में एक के बाद आए तीन शक्तिशाली भूकंप के झटकों ने चीन के साथ-साथ नेपाल, भारत, बांग्लादेश समेत कई अन्य देशों को भी हिलाकर रख दिया है। उत्तराखंड के साथ ही भारत के कई हिस्सों में भी इसके झटके महसूस किए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, मंगलवार सात जनवरी की सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर भूकंप का पहला झटका महसूस किया गया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 मापी गई। वहीं, इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिजांग में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। तिब्बत के साथ नेपाल, चीन और बांग्लादेश समेत कई देशों के साथ भारत के उत्तराखंड, दिल्ली-एनसीआर, बिहार और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भी इस भूकंप के झटके महसूस किए हैं। सुबह 6:35 बजे आए पहले झटके के बाद 7 बजकर 2 पर 4.7 तीव्रता के साथ दूसरा झटका आया। फिर 7 बजकर 7 मिनट पर 4.9 तीव्रता के साथ भूकंप का तीसरा झटका महसूस किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद भी आते रहे झटके
इसके बाद भी सात बजकर 13 मिनट से लेकर पूर्वाह्न 11 बजकर 27 मिनट तक भूकंप के नौ झटके आए। इसमें सात बजकर 13 मिनट पर पांच तीव्रता का भूकंप आया। फिर, 4.9, 4.8, 4.5, 4.3, 4.3, 4.3, 4.1, 4.5 तीव्रता का भूकंप आया। ये सारे भूकंप शिजांग में आए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेपाल में भूकंप से मची अफरातफरी
नेपाल सरकार के भू-वैज्ञानिक विभाग ने जानकारी दी कि सुबह 6:35 बजे नेपाल में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेपाल-चीन सीमा पर स्थित तिब्बत के डिंगे कांत में इसका केंद्र था, जहां 7.0 तीव्रता से भूंकप आया। इस भूकंप का प्रभाव नेपाल के पूर्वी से मध्य क्षेत्र तक भी देखा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, राजधानी काठमांडू में भूकंप से झटके के बाद लोग डर के कारण अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। सुबह-सुबह आए भूकंप ने लोगों को चिंता में डाल दिया, क्योंकि एक लंबे समय के बाद काठमांडू में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। हालांकि भूकंप से अभी तक कितनी क्षति हुई है, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारत में नहीं है नुकसान की खबर
भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 थी। वहीं, AP की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन में भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई है। भूकंप असर नेपाल, भूटान सहित भारत के सिक्किम और उत्तराखंड में भी दिखा। फिलहाल भारत में इससे जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
400 किमी दूर तक महसूस हुए झटके
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लोकल अधिकारी भूकंप के नुकसान का आकलन करने के लिए इलाके के लोगों से संपर्क कर रहे हैं। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि 400 किमी दूर नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी इसका असर महसूस किया गया। आज का भूकंप पिछले 5 साल में 200 किलोमीटर के दायरे में दर्ज किया गया, सबसे शक्तिशाली भूकंप था। भूकंप का सेंटर उस जगह पर मौजूद है, जहां भारत और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेट्स टकराती हैं। इन प्लेटों के टकराने से हिमालय के पर्वतों में ऊंची तरंग उठती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भूकंप आने के कारण
हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।