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April 17, 2025

कोरोना की वजह से भी हो रहा है डायबिटीज, 15 फीसद मरीजों में दिखी ऐसी समस्या

डायबिटीज के मरीजों में ऐसे मरीजों की संख्या 15 फीसद है, जिन्हें कोरोना की वजह से ये बीमारी हुई। इससे पहले उन्हें डायबिटीज की बीमारी नहीं थी।

कोरोना की शुरुआत में ये माना जा रहा था कि जिसे डायबिटीज है, उसे कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। साथ ही उनके लिए ये वायरस खतरनाक साबित हो सकता है। अब इसके उलट ये बात सामने आ रही है कि कोरोना की वजह से भी लोगों को डायबिटीज हो रहा है। डायबिटीज के मरीजों में ऐसे मरीजों की संख्या 15 फीसद है, जिन्हें कोरोना की वजह से ये बीमारी हुई। इससे पहले उन्हें डायबिटीज की बीमारी नहीं थी। इसका कारण ये है कि इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को कोविड नष्ट करता है।
मुंबई में 82 साल के शांताराम पाटिल को कभी शुगर की तकलीफ नहीं थी, 28 मई को वे कोविड पॉज़िटिव पाए गए। कोविड से ठीक हुए, लेकिन पंद्रह दिन बाद डायबटीज और म्युकरमायकोसिस के साथ मुंबई के लायंस क्लब हॉस्पिटल में भर्ती हुए। डॉक्टर बताते हैं कि करीब 15% कोविड मरीज कोविड के बाद डायविटीज के शिकार हो रहे हैं। ये ऐसे मरीज़ हैं जिनकी मेडिकल हिस्ट्री में डायबिटीज का नामोनिशान नहीं था।
लायंस क्लब हॉस्पिटल, मुंबई के डॉ सुहास देसाई बताते हैं कि ये मरीज पोस्ट कोविड तकलीफ के साथ आए थे। शुगर डायग्नोस होने के साथ साथ इनके लंग्स में काफी प्रभाव पड़ा था। 10 से 15 फीसद कोविड मरीजों में हम देख रहे हैं की पहले उनको डायबटीज नहीं था और कोविड के बाद उनमें डायबटीज डायग्नोस हो रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोनावायरस पैंक्रियाज यानी अग्नाशय पर हमला करता है। उसके अंदर इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। इससे इंसान को डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है. इसके अलावा कोविड के इलाज के लिए इस्तेमाल हुआ स्टेरॉइड भी शुगर लेवल बढ़ा रहा है।
कई युवा मरीज बिना डायबटीज हिस्ट्री के हाई शुगर लेवल के साथ अस्पताल पहुँच रहे हैं। फोर्टिस अस्‍पताल के कंसल्‍टेंट डॉ सुधीन्द्र कुलकर्णी कहते हैं कि अभी डेटा का अनालिसिस हो रहा है। ये जरूर है कि डायबटीज़ के काफी नए मरीज पाए जा रहे हैं। कई कारण हैं, एक तो यह है कि कोविड का वायरस इंसुलिन प्रोड्यूस और शुगर कंट्रोल करने के लिए महत्वपूर्ण बीटा सेल्स को अफेक्ट कर रहा है। इसके साथ ही हो सकता है कि ये ऐसे मरीज हों, जिनको पहले से डायबटीज था, लेकिन इन्‍हें जानकारी नहीं हो। उन्होंने कहा कि अब 20, 25 और 30 साल की उम्र के लोगों को भी डायबटीज हो रहा है। कोविड के दौरान या कोविड के बाद इनका शुगर सिवीयर लेवल तक चला जाता है। कई मरीजों को इंसुलिन, दवाइयां काफी समय तक देनी पड़ती है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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