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November 22, 2024

न्यायिक हिरासत में मौत प्रकरण की जांच को लेकर राजनातिक दलों और जनसंगठनों का सचिवालय पर प्रदर्शन

देहरादून के ऋषिकेश में पुलिस हिरासत के दौरान पिटाई के बाद न्यायिक हिरासत में रणबीर सिंह की मौत के मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और मृतक के परिजनों को समुचित मुआवजे की मांग को लेकर आज विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने सचिवालय कूच कर जोरदार प्रदर्शन किया। सचिवालय कूच कनक चौक से किया गया। इस दौरान मृतक की पत्नी रीतादेवी उनके तीनों बच्चे और भाई भी प्रदर्शन में शामिल हुए। सचिवालय से कुछ दूर पहले पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। इस पर नगर मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह के माध्यम से सीएम को ज्ञापन प्रेषित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रणबीर सिंह की मौत का ये है मामला
ऋषिकेश के ढालवाला निवासी रणवीर सिंह रावत को 22 जून को सादे कपड़ों में घर पहुंची पुलिस उठा कर ले गई। रणवीर सिंह पर स्कूटी चोरी का आरोप लगा। पुलिस ने 23 तारीख को रणवीर सिंह को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। 25 जून को रणवीर सिंह की जेल में मौत हो गई। आरोप है कि रणवीर सिंह की बुरी तरह से पिटाई के चलते मौत हुई है। परिजन इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस मांमले में उच्च स्तरीय जांच, मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग को लेकर राजधानी देहरादून में विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं। साथ ही प्रदर्शन जारी हैं (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जनसभा में पुलिस पर लगाया गया आरोप
सचिवालय के समक्ष आयोजित जनसभा में वक्ताओं ने कहा कि काफी छानबीन के बाद पता चला है कि रणबीरसिंह को ढालवाला टिहरी से फर्जी मामले में पकड़ कर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट के आधार न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेजा गया। जहां उसकी 25 जुलाई 2024 को संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई। इस संबंध में वे मुख्य सचिव से भी मिले और उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक को जांच सौंपी थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इससे पहले भी विभिन्न राजनैतिक दलों तथा सामाजिक संगठनों की ओर से जिला कारागार में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच की मांग और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की की गई थी। जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को पहले भी ज्ञापन भेजे गए हैं। इसके बावजूद अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है। सिर्फ दो पुलिसकर्मियों निलम्बित कर अपराध में पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है। रणबीर सिंह की मौत को सामान्य मौत दिखाने का प्रयास किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये हैं मुख्य मांगे
-रणबीरसिंह की अभिरक्षा में हुई संदिग्ध मृत्यु कि हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायधीश से जांच करवाई जाय।
-सम्भव हो सके तो इस संदिग्ध मृत्यु कि जांच सीबीआई से करवाई जाये।
-जांच के दायरे में कोतवाली ऋषिकेश पुलिस, ऋषिकेश पुलिस क्षेत्राधिकारी, राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश के चिकित्साधिकारी, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जेल से जुड़े स्टाफ, दून अस्पताल के चिकित्सक तथा पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के साथ ही ऋषिकेश एजेएम कोर्ट प्रक्रिया को शामिल किया जाए।
– इस मामले से जुड़े सभी के खिलाफ निलम्बन तथा स्थान्तरण की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
-मृतक के परिजनों की जानमाल की सुरक्षा की जाए।
-रणबीर सिंह कि विधवा तथा तीन बच्चों के भरण पोषण के लिए सरकार समुचित करे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदर्शन में ये रहे शामिल
प्रदर्शन में आरयूपी के अध्यक्ष नवनीत गुंसाई, अमित पंवार, सीपीएम के देहरादून सचिव अनंत आकाशी, यूकेडी नेत्री प्रमिला रावत, अनिता कोठियाल, विमला बहुगुणा, शशि बंगवाल, सीआईटीयू के प्रदेश सचिव लेखराज, किसान सभा उत्तराखंड के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सजवाण, महामंत्री कमरूद्दीन, जनवादी महिला सिमिति की प्रदेश उपाध्यक्ष इन्दु नौडियाल, सीपीएम के राज्य सचिव राजेन्द्र नेगी, जिला सचिव राजेन्द्र पुरोहित, एआईएलयू से शम्भूप्रसाद ममगांई, एसएफआई से नितिन मलेठा, शैलेन्द्र परमार, भीम आर्मी से आजम खान, वालेश बवानिया, नवचेतना समिति की अध्यक्षा दीप्ति रावत बिष्ट, सोनिया आनन्द, सुरेशकुमार, किशन गुनियाल, भगवन्त पयाल, एसएस नेगी, नरेन्द्र, मोनिका, सीमा लिंगवाल, बिन्दा मिश्रा, माला गुरूंग, सुधा देवली, इस्लाम, ब्रह्मानन्द कोठारी आदि शामिल रहे।
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