दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने पेश किया बजट, पांच साल में 20 लाख नौकरी, जानिए बजट की खास बातें
दिल्ली की सत्ताधारी सरकार आम आदमी पार्टी ने आज बजट पेश कर दिया है। बजट में युवाओं के रोजगार पर अहम जोर दिया गया है। ऐसे में इस बजट का नाम रोजगार बजट दिया गया है।

रोजगार बजट दिया नाम
दिल्ली का बजट पेश करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा है कि यह युवाओं के लिए बहुत जरूरी बजट है इसलिए इसका नाम रोजगार बजट दिया गया है। कोविड के पहले के सालों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश किया गया। इसलिए कोविड से हम निपट पाए। मनीष सिसोदिया बोले कि दिल्ली में व्यापारियों के लिए जीरो रेड पोलिसी लागू है, दिल्ली में कोविड के दौरान बहुत नुकसान हुआ, तब भी मदद दी।
2047 तक प्रति व्यक्ति की आय सिंगापुर के लोगों के समान का लक्ष्य
बजट के दौरान मनीष सिसोदिया बोले कि आठवें बजट में व्यापार और लोगों को राहत देने का प्रस्ताव हम लाएं हैं। हम इस बार रोजगार बजट पेश कर रहे हैं। पिछली बार देशभक्ति का बजट था। बजट के दौरान दिल्ली सरकार ने 2047 तक दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय सिंगापुर के लोगों जितनी बनाने का लक्ष्य रखा है। इस बजट में वित्तमंत्री ने कहा कि मैं प्रस्ताव में रखने जा रहा हूं उससे दिल्ली में 5 साल में कम से कम 20 लाख नौकरियां पैदा होंगी।
दिल्ली की अर्थव्यवस्था में हो रहा सुधार
मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था कोविड से थोड़ा थोड़ा उभर रही है। दिल्ली की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का बड़ा योगदान है। दिल्ली के लोगों की औसत आय में 16.8 फीसद की बढ़ोतरी हुई। बजट में वित्तमंत्री ने ऐलान किया कि 2022-23 के लिए 75,800 करोड रुपए का बजट पेश कर रहा हूं, जो कि 2014-15 के 30,940 करोड़ रुपए के बजट का ढाई गुना है। दिल्ली के डिप्टी सीएम और वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों से बजट भाषण को समाप्त किया।
एक तिहाई लोगों के पास ही रोजगार
दिल्ली में 55.87 लाख लोगों के पास रोजगार है, जबकि आबादी 1.68 करोड़ हैं। यानी एक तिहाई के पास ही रोजगार है। जो दुनिया के दूसरे शहरों के मुकाबले कम है। लंदन में 58% न्यूयॉर्क में 52% सिंगापुर में 67% दिल्ली में 33 फ़ीसदी के पास रोजगार है।
बताया पांच साल का लक्ष्य
वित्तमंत्री ने कहा कि अगले 5 साल में हमारा लक्ष्य है कि वर्किंग पापुलेशन 33 फ़ीसदी से बढ़ाकर 45 फीसद तक हो जाए। यानी 1.68 करोड़ में से 76 लाख लोग रोजगार करें इसलिए 5 साल में 20 लाख रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस से यह संभव है।
रोजगार के नए अवसर
वित्त मंत्री ने कहा कि रोजगार के नए अवसर के लिए हमने रिटेल सेक्टर फूड और बेवरेज लॉजिस्टिक्स एंड सप्लाई चैन ट्रैवल एंड टूरिज्म एंटरटेनमेंट कंस्ट्रक्शन रियल एस्टेट और ग्रीन एनर्जी सेक्टर को चुना है। दिल्ली के जो फेमस रिटेल मार्केट हैं उसमें रिनोवेशन और इनोवेशन की स्कीम लाने की बात कही।
दिल्ली में आयोजित होंगे शॉपिंग फेस्टिवल
मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश विदेश के ग्राहकों को दिल्ली में बुलाकर शॉपिंग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली में शॉपिंग फेस्टिवल किए जाएंगे। साथ ही छोटे-छोटे स्थानीय बाजारों को ग्राहकों से जोड़ने के लिए दिल्ली बाजार पोर्टल शुरू करेंगे। गांधीनगर जो एशिया का सबसे बड़ा वस्त्र व्यापार केंद्र है उसको दिल्ली गारमेंट हब के रूप में डेवलप करेंगे। साथ ही नई स्टार्टअप पॉलिसी भी शुरू की जाएगी।
इंडस्ट्रियल एरिया का होगा डेवलपमेंट
उन्होंने कहा कि दिल्ली के इंडस्ट्रियल एरिया का एरिया डेवलपमेंट किया जाएगा और साथ ही क्लाउड किचन को स्थापित करने पर जोर होगा। दिल्ली में एक नई इलेक्ट्रॉनिक सिटी बनाएंगे उसकी स्थापना की जाएगी। राजधानी में फिल्म पॉलिसी के जरिए आर्ट और कल्चर से जुड़े कलाकार के लिए रोजगार के नए अवसर स्थापित करेंगे। दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव का आयोजन किया जाएगा।
होलसेल ग्राहकों के लिए छूट की योजना
होलसेल ग्राहकों के लिए भी छूट की योजना तैयार की जाएगी। सरकार रिटेल सेक्टर में अगले 5 साल में रोजगार के 300000 नए अवसर देख रही है। मशहूर रेडिमेड गारमेंट मार्केट गांधीनगर को ग्रेट गारमेंट हब के रूप में विकसित करना का काम होगा और गांधीनगर के रीब्रांडिंग री डेवलपमेंट किया जाएगा। 3 लाख बच्चों ने 51 हजार बिजनेस आइडिया में इन्वेस्ट किया। अगले वित्त वर्ष में इस योजना को दिल्ली के सरकारी स्कूलों के साथ साथ निजी स्कूलों में भी लागू किया जाएगा।
इलेक्ट्रॉनिक सिटी में 80 हजार को रोजगार
वित्त मंत्री के मुताबिक, दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक सिटी का निर्माण किया जाएगा। इससे 80,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। सरकार बापरोला में 90 एकड़ में प्लग एंड प्ले मैन्युफैक्चरिंग की स्थापना करेगी। ताकि इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को दिल्ली में अपना भी स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जा सके। केंद्र सरकार के EMC कार्यक्रम के साथ इसको करने की कोशिश करेंगे। दिल्ली के नॉनकन्फॉर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया के रीडेवलपमेंट पर ध्यान दिया जाएगा।
4200 से अधिक ई ऑटो लेकर आ रही है सरकार
दिल्ली सरकार अगले साल से 30 फीसद आरक्षण के साथ महिला ड्राइवरों के साथ 4200 से अधिक ई ऑटो लेकर आ रही है। सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति से अगले 5 साल में हर साल 5000 ई-ऑटो परमिट जारी करेंगे। सरकार ने इस घोषणा से 25000 नई नौकरी पैदा होने की बात कही। वहीं आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक और आम आदमी पॉलीक्लिनिक के लिए 475 करोड का बजट रखा गया। नए अस्पतालों के निर्माण और मौजूदा अस्पतालों की remodelling पर 1900 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
सभी नागरिकों के लिए ई हेल्थ कार्ड
दिल्ली के सभी नागरिकों को ईहेल्थ कार्ड उपलब्ध कराया गया है। इसके लिये 160 करोड़ का प्रावधान किया गया। इसके अलावा एक निशुल्क हेल्थ हेल्पलाइन शुरू की जाएगी। जिनके पास हेल्थ कार्ड होगा वो इस हेल्पलाइन पर फोन करके पूछ सकता है कि किस बीमारी का कहां इलाज करवाना और हेल्थ कार्ड के आधार पर अस्पताल में अपॉइंटमेंट भी दिया जाएगा। दिल्ली में पहला पशु चिकित्सालय महाविद्यालय खोला जाएगा।
इससे पहले जारी किया था आउटकम बजट
विधानसभा में नए वित्त वर्ष का बजट पेश करने से पहले पुराने बजट का हिसाब किताब देने की पहल के तहत पिछले पांच सालों से दिल्ली सरकार की ओर से शुरू प्रयोग इस साल भी जारी रहा। शुक्रवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में सदन के समक्ष वित्त-वर्ष 2021-22 का आउटकम बजट पेश किया था दिल्ली सरकार ने इसे आउटकम बजट का नाम दिया है। इसका मकसद है कि सरकार द्वारा किये गए कामों और सार्वजनिक व्यय को पूरी पारदर्शिता जनता के सामने हो।
एकमात्र ऐसी सरकार, जिसने खुद की तय की जवाबदेही
इस मौके पर सिसोदिया ने कहा था कि देश की आजादी के 75 सालों में भारत में बहुत सी सरकारें आई लेकिन दिल्ली सरकार एकमात्र ऐसी सरकार है जिसने खुद की जवाबदेही तय करते ही इस परम्परा की शुरुआत की है। ‘जो कहा सो किया, की कसौटी पर खड़े होकर जनता को ये बताया है कि उन्होंने पिछले साल साल बजट के दौरान किए गए अपने वादों को कितना निभाया। कौन-सी योजना पूरी हुई तथा कौनसी योजना कहां खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के अलावा आज देश में आज किसी भी सरकार में इतनी हिम्मत नहीं है कि वो आउटकम बजट पेश कर सके। क्योंकि, हम फाइलों और जुमलों की जाल में नहीं फंसाते, जो बोलते हैं उसे करके दिखाते हैं।
आउटकम बजट में शिक्षा
केजरीवाल सरकार ने पिछले बजट में स्कूलों में नए कमरे बनाने की बात की और दिल्ली सरकार के स्कूलों में 13,181 कमरे बनाकर तैयार किए।
दिल्ली सरकार के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 18 लाख हुई।
पिछले साल बजट में स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस की शुरुआत करने की बात की। पिछले सत्र में 20 स्कूल शुरू हो चुके है जिसमें 2300 बच्चे पढ़ रहे है साथ ही इस सत्र में 11 नए स्कूल खोले जा रहे है तो एसओएसई में कुल सीटों की संख्या बढ़कर 4800 हो जाएगी।
दिल्ली सरकार ने पिछले साल अपना नया बोर्ड स्थापित किया है, जो आई.बी के साथ मिलकर काम कर रहा है।
दिल्ली सरकार के स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरुआत, देश में ऐसा पाठ्यक्रम शुरू करने वाली दिल्ली देश का पहला राज्य, अगले सत्र से प्राइवेट स्कूलों में भी शुरू होगा देशभक्ति करिकुलम।
सरकारी स्कूलों में 11वीं-12वीं के स्टूडेंट्स के लिए बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम की शुरुआत, जिसमें 3 लाख बच्चों ने अपने 51,000+ टीम्स बनाकर भाग लिया और 126 शानदार बिज़नेस आइडियाज के साथ एक्सपो का आयोजन किया गया। इन आइडियाज में देशभर से आए निवेशकों ने करोड़ों के इनवेस्टमेंट ऑफर दिए।
बिज़नेस ब्लास्टर्स एक्सपो में शामिल बच्चों के लिए DTU, NSUT, IP, IGDTUW जैसे टॉप यूनिवर्सिटी में बीबीए प्रोग्राम के 673 सीटों पर सीधे दाखिला।
देश के मेंटर प्रोग्राम को मिली शानदार सफलता 50,000 से अधिक मेंटर ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 1 लाख बच्चों को दी मेंटरशिप।
उच्च शिक्षा
केजरीवाल सरकार ने पिछले बजट सत्र में दिल्ली में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शुरू करने की बात की. इसकी तैयारियां जोरों पर है और वर्ल्ड-क्लास स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस कैंपस बनाने का काम शुरू हो चुका है। अगले सत्र से यह 250 भविष्य के बडिंग ओलंपियनस को एडमिशन दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार ने अपने टीचर्स यूनिवर्सिटी की भी शुरुआत की है जो अपने सिटी कैंपस में शुरू हो चुका है और मेन कैंपस भी जल्द शुरू हो जाएगा।आने वाले सत्र से यूनिवर्सिटी में दाखिले भी शुरू हो जाएंगे।
केजरीवाल सरकार ने मेरिट-कम-मीन्स प्रोग्राम के तहत बजट वर्ष 2020-21 में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे 3700 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को छात्रवृति प्रदान की थी, जबकि बजट वर्ष 2021-22 में 7000 विद्यार्थियों को इस छात्रवृति के माध्यम से 48 करोड़ रुपये दिए गए।
तकनीकी शिक्षा
दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी की शुरुआत की जिसकें 15 कैंपस में 6300 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। अगले सत्र में इसमें 11 कैंपस और जोड़े जाएंगे जिससे यूनिवर्सिटी में 2500 नए स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलेगा।
दिल्ली सरकार की ‘दिल्ली की योगशाला’ कार्यक्रम के माध्यम से पूरी दिल्ली में 370 केन्द्रों पर 9 हज़ार से ज्यादा लोग योग व ध्यान का अभ्यास कर रहे है। इन लोगों को दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त किए गए ट्रेंड योग प्रोफेशनल योग सीखा रहे है।
स्वास्थ्य
दिल्ली में वर्तमान में 520 फंक्शनल मोहल्ला क्लिनिक हैं। जहाँ पिछले 1 साल में 1.44 करोड़ लोगों ने अपना इलाज करवाया है। इन मोहल्ला क्लिनिक में प्रतिदिन 60,000 लोगों ने अपना इलाज करवाया है।
केजरीवाल सरकार ने मोहल्ला क्लिनिक की क्वालिटी को बरक़रार रखने के लिए हर 3 महीने पर एक सर्वे का आयोजन करने का निर्णय भी लिया है और 2500 लोगों पर किए गए पहले सर्वे में 85% लूग्न ने माना की उन्हें 20 मिनट से ज्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ा। साथ ही 90% लोग मोहल्ला क्लिनिक से संतुष्ट है।
दिल्ली सरकार ने अपने अस्पतालों में 13,844 बेड्स स्थापित किए।
कोरोना इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाते हुए ऑक्सीजन बेड्स की संख्या को बढ़ाते हुए 3865 से 9243 किया।
आईसीयू बेड्स की संख्या 534 से बढ़ाकर 2091 की गई।
दिल्ली में 100% वयस्कों को पहली डोज लग चुकी है और 90% वयस्कों को दूसरी डोज साथ ही 15 से 18 वर्ष के 70% बच्चों को दोनों डोज लग चुकी है, जो देश में सबसे ज्यादा है।
परिवहन
केजरीवाल सरकार ने नई शुरुआत करते हुए आरटीओ ऑफिस की सुविधाओं को फेसलेस बनाया, जिससे अबतक 5 लाख लोगों को फायदा हुआ है।
महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा स्कीम के तहत 3 करोड़ पिंक टिकट वितरित किए।
ई-व्हीकल पालिसी को प्रोत्साहित किया जिससे दिल्ली में पिछले 2 सालों में कुल बिकने वाले वाहनों में ई-व्हीकल की संख्या 10%, 2024 तक 25% का टारगेट हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
पीडब्ल्यूडी
केजरीवाल सरकार ने वादा किया, देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर पूरी दिल्ली को तिरंगामय करते हुए दिल्ली में लहरायेंगे 500 ऊंचे तिरंगे, अबतक 125 तिरंगे लग चुके है। 30 अप्रैल तक लगेंगे 200 तिरंगे, 15 अगस्त तक लग जाएंगे सभी तिरंगे।
पिछले वर्ष दिल्ली में 1.5 लाख सीसीटीवी लगाने का लक्ष्य था। दिसम्बर तक 1.33 लाख सीसीटीवी कैमरा लग चुके है।
अबतक दिल्ली में कुल 2.75 लाख सीसीटीवी कैमरा लग चुके है। अंतराष्ट्रीय मैगज़ीन ने भी माना है कि दिल्ली जितना सघन सीसीटीवी नेटवर्क पूरे विश्व में कहीं नहीं है।
केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली में कुल 10,500 फ्री वाई-फाई स्पॉट लगाए चुके है। पिछले 1 साल में 2 हज़ार वाई-फाई स्पॉट बढ़े है।
सामाजिक सुरक्षा और कल्याण
बजट वर्ष 2021-22 में दिसंबर तक 3.10 लाख विपत्ति ग्रस्त महिलाओं को मासिक वित्तीय सहायता दी गई। बजट वर्ष 2020-21 में ये संख्या 2.81 लाख थी।
क्या है आउटकम बजट
जब सरकार किसी योजना की शुरुआत करती है और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर व पूंजीगत व्ययों के लिए धन आवंटित करती है तो ये आउटपुट होता है, लेकिन आउटकम से अभिप्राय उस योजना से लोगों को मिलने वाले लाभ से है। उदाहरण के लिए सरकार एक अस्पताल में एक एक्स-रे मशीन स्थापित करती है तो ये सरकार का आउटपुट है, लेकिन उस मशीन के माध्यम से कितने लोगों की जांच हुई ये उसका आउटकम है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।