उत्तराखंड में साम्प्रदायिक सदभाव बिगाड़ने के खिलाफ माकपा ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

उत्तराखंड में सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने वालों के खिलाफ मार्क्सवादी कम्म्युनिस्ट पार्टी ने राज्यव्यापी अभियान के तहत राजधानी देहरादून में जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। इस मौके पर पहलगाम में आतंकी घटना में मारे गए लोगों की आत्मा शांति के लिए दो मिनट मौन रखा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जिला मुख्यालय पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकारी संरक्षण में राज्य में तेजी से घृणा फैल रही है। पहलगाम घटना के तुरंत बाद उत्तराखंड में कश्मीरियों को धमकियों के मामले सामने आए। देहरादून में जिला प्रशासन ने दून अस्पताल स्थित दो सौ वर्ष पुरानी मजार ध्वस्त कर दी। नैनीताल में एक अपराधिक घटना के बहाने मुस्लिम समुदाय को टारगेट किया गया। अन्य स्थानों में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई। साथ हीशान्ति एवं सदभाव के लिए लड़ने वालों को धमकी दी गई। ऐसे लोगों खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने कहा है कि राज्यभर में वन गुजरों, जंगलों, ग्राम समाज की जमीनों तथा नदी नालों में रह रहे लोगों की बेदखली के खिलाफ व्यापक संघर्ष होगा। नफरत के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए सभी समान विचारधारा के लोगों को माकपा एकजुट करेगी। वक्ताओं ने चकराता में मसीह समाज को टारगेट किये जाने की भी निंदा की। जिलाधिकारी कि अनुपस्थिति में कलेक्ट्रेट के प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर नैनीताल में नफरती हिंसा के बीच अमन की बात कहने वाली शैला नेगी को दी जा रही धमकियों पर गंभीर चिन्ता व्यक्त की गई। साथ ही धमकी देने वालों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की गई। सोशल मीडिया पर लगातार नफरती पोस्ट करने वाले भूपेश जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उसे गिरफ्तार न किये जाने पर भी नाराजगी जताई गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर पर्यावरणविद एवं इन्सानियत मंच के रवि चौपड़ा, सीपीएम के राज्य सचिव राजेन्द्र पुरोहित, जिलासचिव शिवप्रसाद देवली, देहरादून सचिव अनन्त आकाश, सचिव मण्डल सदस्य लेखराज, कमरूद्दीन, कमलेश खन्तवाल, किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र सजवाण, शम्भू प्रसाद ममगाई, रविन्द्र नौडियाल, अभिषेक भण्डारी, कनिका, पियूष, शान्ति प्रसाद, यूएन बलूनी, मनीष, विप्लव, कलमसिंह लिंगवाल, अय्याज आदि ने विचार व्यक्त किये।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।