उत्तराखंड में सीपीआइ (एम) का राज्य सचिवालय तक कूच, जोरदार प्रदर्शन
देहरादून में राजपुर रोड स्थित गांधी पार्क के निकट सीपीआइ (एम) कार्यालय से बुधवार की दोपहर सचिवालय के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली। रैली एस्लेहाल, कनक चौक होते ही जैसे ही आगे बढ़ी तो सचिवालय से पहले पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। इस पर सड़क पर ही धरना दिया गया। इस दौरान आयोजित सभा में पार्टी के केन्द्रीय कमेटी के सदस्य एवं पार्टी के प्रर्वेक्षक बीजू कृष्णन ने कहा कि भाजपा सबका साथ, सबका विकास के नारे के साथ सत्ता में आयी थी। उसने सत्ता में आते ही अपने छुपे हुए एजेंडे को लागू करना शुरू कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप देशभर में साम्प्रदायिक, जातिवादी उन्माद चरम पर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इस पार्टी की कोरपोरेट तथा जनविरोधी नीतियों के परिणामस्वरूप आज देश में महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है। उन्होंने राज्य के बढ़ते अपराधों के लिए भाजपा की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए अंकिता हत्याकांड के लिए भाजपा सरकार की कड़े शब्दों में निन्दा की। साथ ही दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।कहा कि जांच के दायरे में हत्यारों के पिता एवं उसके परिजनों को लाया जाना चाहिए। उन्होंने अंकिता हत्याकांड के बाद इस प्रकरण को उजागर करने वाले पत्रकारों को धमकी देने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की। साथ ही पत्रकारों को सुरक्षा देने की मांग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसएफआइ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं खेतिहर मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव बिक्रम ने मोदी सरकार की नीतियों की भर्त्सना करते हुए कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण आमजन त्रस्त है। बेरोजगारी, मंहगाई तथा भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा की नीतियों को बेनकाब करने की आवश्यकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन्होंने रखे विचार
इस अवसर पर पार्टी राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी, किसान सभा के महामंत्री गंगाधर नौटियाल, महिला समिति की उपाध्यक्ष इन्दु नौडियाल, सीटू के महामंत्री महेन्द्र जखमोला, एसएफआइ महामंत्री नितिन मलेठा, पार्टी राज्य सचिव मंडल सदस्य सुरेंद्र सिंह सजवाण, राजेंद्र पुरोहित ने भी विचार रखे।
ये रहे प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारियों में भूपाल सिंह रावत, बीरेन्द्र गोस्वामी, आरसी धीमान, दिनेश पांडेय, जगमोहन रांगड़, सुरेन्द्र रावत, कमरूद्दीन, शिवप्रसाद देवली, लेखराज, अनन्त आकाश, राजाराम सेमवाल, मदन मिश्रा, राजेंद्र सिंह नेगी, हिमान्शु चौहान, सत कुमार, दमयन्ती नेगी, युसुफ तिवारी, चित्रा, नुरैशा, शिवा दुबे, मोनिका, एसएस नेगी, आर पी जोशी, आर पी जखमोला, माला गुरूंग, सुधा देवली, कृष्ण गुनियाल, रविन्द्र नौडियाल आदि शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं मांगे
1-सभी कृषि उत्पादों को गारंटीकृत सीड को जोड़ते हुऐ 50 प्रतिशत की दर से एम एस पी के साथ खरीद सुनिश्चित की जाए।
2- केन्द्र सरकार सभी गरीब एवं मध्यम दर्जे के किसानों और खेत मजदूरों को एकमुश्त ऋणमाफी, 60 वर्ष से ऊपर के सभी को पेंशन दी जाए।
3- चार श्रम संहिताओं को समाप्त करते की जाए। विद्युत बिल संशोधन 2022 वापस लिया जाए।
4-नौकरी की सुरक्षा और सभी को नौकरी की गारंटी, शहरी क्षेत्र में मनरेगा का विस्तार, न्यूनतम दैनिक मजदूरी 600 रूपये तथा सालभर कम से कम 200 दिन का काम दिया जाए।
5-मंहगाई पर रोक लगाओ, खाद्य पदार्थों पर जीएसटी वापस लिया जाए। पेट्रोल, डीजल, गैस, मिट्टी का तेल पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क पर भारी कटौती की जाए।
राज्यस्तरीय मांगें
1-राज्य में बढ़ती अपराधिक घटनाओं पर अविलम्ब रोक लगाई जाए। अंकिता हत्याकांड सहित अन्य सभी मामलों के दोषियों को कड़ी कड़ी सजा दी जाए। अंकिता हत्याकांड को उजागर करने वाले पत्रकारों को मिल रही धमकी को गम्भीरता से लेते हुए धमकी देने वालों को गिरफ्तार किया जाए। राज्य में बढ़ रहे नशे के व्यापार अविलम्ब रोक लगे।
2-राज्य में भर्ती घोटाले की सुर्पीम कोर्ट के जज की देखरेख में सीबीआइ जांच की जाए।
3-राज्य में सभी कामगारों को कम से कम 26000 रूपये प्रतिमाह मिले तथा उनकी कम से कम 10,000 रूपये पेन्शन सुनिश्चित हो। काम का ठेकेदारीकरण बन्द हो। सेना में अग्निपथ योजना समाप्त हो।
4-राज्य के आपदा पीड़ितों की समुचित सहायता एवं बिस्थापित होने वालों का समुचित विस्थापन किया जाए। वर्षों से ग्राम पंचायतों, अकृषिक भूमि, चाय बगानों, मलिन बस्तियों पर रहे लोगों मालिकान हक देना सुनिश्चित किया जाए।
5- किसानों के धान की खराब फसलों की नुकसान की भरपाई के लिए प्रभावितों समुचित मुआवजा दिया जाए।
6- किसानों को न्यूनतम प्रति क्विंटल 500 रूपये दिया जाए।
7-रेशम कोकून का मूल्य कम से कम 400रूपये प्रति निर्धारित किया जाए।
8-जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ इनसे हो रही फसलों एवं मानव क्षति की क्षतिपूर्ति के लिए समुचित मुआवजा सुनिश्चित की जाए। इस सन्दर्भ मोटर सुरक्षा कानून की तर्ज पर कानून बनाया जाए।
9-उधमसिंहनगर शक्ति फार्म के बंगाली बिस्थापितों की जमीन भूमाफियाओं के कब्जे छुड़ाना सुनिश्चित किया जाए तथा 2006-2007 का समझौता लागू किया जाए।
ये भी की गई मांग
इस अवसर पर देहारादून में स्मार्ट सिटी से उत्पन्न समस्या का समाधान, इन्दिरा मार्केट प्लान में कार्य शुरू करने, अकृषिक भूमि, छूटे हुऐ उत्तराखंड आन्दोकारियों को राज्य आन्दोकारी घोषित करना, भूमि तथा मलिन बस्तियों में बसे लोगों मालिकान हक, किसानों को फसल का मुआवजा आदि की मांग भी की गई।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।