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April 25, 2025

अगले सप्ताह से बाजार में उपलब्ध हो जाएगी कोरोना की रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी, ये हो सकती है कीमत

कोरोना से जंग में भारत को मजबूती मिलने वाली है। केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना की रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी अगले सप्ताह से बाजार में उपलब्ध हो सकती है।

कोरोना से जंग में भारत को मजबूती मिलने वाली है। केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना की रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी अगले सप्ताह से बाजार में उपलब्ध हो सकती है। केंद्र ने कहा कि राज्यों में टीके की कमी गहराने की वजह से टीकाकरण अभियान को कुछ प्रतिबंध के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। महाराष्ट्र सहित कई राज्य वैक्सीन की आपूर्ति के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर रहे हैं।
नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि स्पुतनिक-वी के अगले हफ्ते बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि रूस से जो सीमित आपूर्ति हुई है, उसकी बिक्री अगले सप्ताह शुरू होगी। डॉ. पॉल ने कहा कि आगे वैक्सीन की आपूर्ति होती रहेगी और इसका उत्पादन जुलाई में शुरू होगा। उन्होंने कहा कि इस अवधि में स्पुतनिक-वी की अनुमानित 15.6 करोड़ खुराक उपलब्ध होगी। सरकार की ओर से यह घोषणा रूस से हैदराबाद में स्पुतनिक वी वैक्सीन की 150,000 खुराक की पहली खेप पहुंचने के 12 दिन बाद सामने आई है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को ट्वीट किया कि स्पुतनिक वी की 1.5 लाख खुराक पहले ही भारत पहुंच चुकी है और आरडीआईएफ ने थोक उत्पादन के लिए स्थानीय भारतीय कंपनियों के साथ समझौता किया है।
केंद्र सरकार ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी की शिकायत की है। दिल्ली और महाराष्ट्र में 18 से 44 साल तक की उम्र के लोगों के टीकाकरण पर रोक लगा दी गई है।
भारत में बढ़ी टीकों की मांग
स्पुतनिक वी को रूस के गामालेया नेशनल सेंटर द्वारा विकसित किया गया है। यह भारत में ऐसे समय में इस्तेमाल होने वाला तीसरा टीका होगा जब देश दूसरी लहर की चपेट में है और ये बहुत काफी खतरनाक है। इस बीच भारत में टीकों की मांग काफी बढ़ गई है।
माना जा रहा है ज्यादा कारगार
स्पूतनिक-वी को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की तुलना में ज्यादा कारगर माना जा रहा है। रूस के गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट का दावा है कि स्पूतनिक वी 91.6 प्रतिशत प्रभावी है, जबकि कोविशील्ड को 80 फीसदी और कोवैक्सीन को 81 फीसदी तक प्रभावी बताया गया है। फिलहाल भारत में एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के जरिए पूरे देश में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
कुछ देशों ने परिणामों पर की चिंता
इस बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका, नीदरलैंड्स, इटली, फ्रांस और रूस के वैज्ञानिकों के एक समूह ने तीसरे चरण के अध्ययन के परिणामों पर चिंता व्यक्त की है। वहीं, रूसी वैज्ञानिकों ने कहा है कि उनका डेटा स्पष्ट और पारदर्शी मानकों, नियामक समीक्षा पर खरा उतरता है।
भारत में जुलाई से होगा उत्पादन
स्पुतनिक वी का स्थानीय उत्पादन जुलाई में शुरू होगा। हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज भारत में वैक्सीन का निर्माण करेगी। डॉ रेड्डीज के शीर्ष अधिकारियों ने हाल ही में संकेत दिया था कि भारत में स्पुतनिक वी को 10 डॉलर (करीब 750 रुपए) प्रति खुराक पर बेचा जा सकता है। पिछले महीने भारतीय नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने देश के नए कोविड-19 संक्रमणों में खतरनाक वृद्धि के बीच स्पुतनिक वी के उपयोग को मंजूरी दी थी।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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