यूसर्क के कार्यक्रम में बिगड़ते पर्यावरण पर जताई गई चिंता, दिए गए कई सुझाव

डोईवाला महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम का संचालन करते हुए यूसर्क वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा से ही मानव जीवन सुरक्षित रहेगा। आज हम सभी को अपने अपने स्तर से गंभीरता से कार्य शुरू करना होगा। परंपरागत जल स्रोतों का संरक्षण, वर्षा जल संचयन तथा आरओ से निकलने वाले जल का अन्य कार्यों में उपयोग करना चाहिए।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ त्रिभुवन चन्द्र ने पर्यावरण दिवस मनाए जाने का इतिहास बताते हुए सभी से पर्यावरण संरक्षण पर कार्य करने को कहा। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डी एन तिवारी ने अपने अध्यक्षीय सबोधन में सभी से पर्यावरण रक्षण हेतु अपने दैनिक लाइफ स्टाइल को पर्यावरण के अनुकूल अपनाने पर बल दिया।
कार्यक्रम का मुख्य व्याख्यान ऋषिकेश के पर्यावरणविद् हेमन्त गुप्ता ने दिया। उन्होंने पर्यावरण की रक्षा के लिए पानी के संरक्षण, पेड़ लगाने, पॉलीथीन का प्रयोग रोकने और इको ब्रिक्स बनाने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने जिम्मेदारी समझते हुए अपने घर से शुरुवात करनी होगी। हमारा जीवन व स्वभाव प्रकृति प्रेमी का होनी चाहिए। प्रकृति की पूजा ही ईश्वर की पूजा है। सभी को अपने अपने पर्यावरण धर्म का पालन करना चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित 100 से अधिक प्रतिभागियों के मध्य पर्यावरण आधारित क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के शिक्षक एवम् शिक्षिकाएं उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ नवीन नैथानी, डॉ प्रीत पाल सिंह, डॉ कुंवर सिंह, डॉ अंजलि वर्मा, डॉ मनीषा, डॉ प्रतिभा, डॉ किरण जोशी, डॉ संगीता रावत, डॉ सुजाता, डॉ राजेश भट्ट, डॉ पल्लवी उप्रेती, डॉ वंदना गौड़, डॉ अनिल भट्ट आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।