पूर्व कुलपति, पूर्व ओएसडी के साथ एल्पाइन सहित छह निजी संस्थानों के ठिकानों पर सीबीआइ का सर्च अभियान
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.जेएल कौल, उनके तत्कालीन ओएसडी डीएस नेगी और छह संस्थानों के संचालकों के आवास और कार्यालयों पर छापेमारी कर सर्च अभियान चलाया।
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मामला वर्ष 2014 से 2016 के मध्य का है। तब हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेएल कौल थे। आरोप है कि इस दौरान देहरादून में संचालित छह निजी शिक्षण संस्थानों में नियमों के विपरीत सीटें बढ़ाई गईं। इनमें कई ऐसे पाठ्यक्रमों को संबद्धता दी गई, जिनके लिए उनके पास न संसाधन थे और न ही मानकों के अनुरूप फैकल्टी।
प्रकरण सामने आने के बाद इन्हीं आरोपों के चलते वर्ष 2017 में कुलपति कौल को हटा दिया गया। इस बीच, सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू कर दी। इस सिलसिले में तत्कालीन कुलपति कौल के साथ ही उनके ओएसडी रहे डीएस नेगी को खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। बाद में जांच के दौरान कुछ और नाम सामने आए। इन्हें भी आरोपियों में शामिल कर लिया गया।
शुक्रवार को सीबीआइ ने टीमों ने आरोपित पूर्व कुलपति जेएल कौल, उनके तत्कालीन ओएसडी और वर्तमान में विवि में रसायन विभाग के अध्यक्ष डीएस नेगी और देहरादून स्थित शिक्षण संस्थानों के संचालकों के आवास और कार्यालयों पर एक साथ सर्च अभियान चलाया। पूर्व कुलपति कौल का आवास उप्र के नोएडा में है। उनके ओएसडी रहे नेगी का श्रीनगर चौरास परिसर में सरकारी और देहरादून में निजी आवास है। सीबीआइ टीम ने नेगी के दोनों आवासों पर तीन से चार घंटे तक सर्च किया।
सीबीआइ के एसपी पीएस पाणीग्रहि ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि इनके जांच में दायरे में शामिल शिक्षण संस्थानों में एल्पाइन के संचालक अनिल सैनी के साथ ही अरविंद गुप्ता, जीडीएस वार्ने, संजय चौधरी व जोगिंदर सिंह के आवास एवं संस्थानों में सीबीआइ टीम ने सर्च किया और प्रकरण से संबधित दस्तावेज कब्जे में लिए। गौरतलब है कि करीब 17 साल पहले भी सीबीआइ ने एल्पाइन में छापेमारी की थी। वहीं, इस संस्थान के साथ ही कई अन्य निजी संस्थान छात्रवृत्ति घोटाले में भी आरोपी हैं। इस बार चलाए गए सर्च अभियान में सीबीआइ को तीन बैंक लॉकर्स का भी पता चला, इनमें से दो को सील कर दिया गया। इधर, सीबीआइ की इस कार्रवाई से विश्वविद्यालय में हलचल है। विवि के 12 अन्य कर्मचारी भी सीबीआइ के राडार पर हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।