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December 19, 2024

बदरीनाथ धाम के कपाट हुए बंद, चारधाम यात्रा का हुआ समापन

उत्तराखंड के चमोली जिले में  आज रविवार 17 नवंबर को श्रद्धालुओं के जय बदरीविशाल के उदघोष के साथ रात्रि नौ बजकर सात मिनट पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा संपन्न हो गई। गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट पहले ही बंद हो चुके हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कपाट बंद होने के मौके पर धाम में लगभग 10 हजार श्रद्धालु पहुंचे। कपाट बंद होने के बाद बदरीनाथ धाम जय बदरीविशाल के उदघोष से गूंज उठा। बदरीनाथ मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया। आज सुबह साढ़े चार बजे बदरीनाथ की अभिषेक पूजा शुरू हुई। बदरीनाथ का तुलसी और हिमालयी फूलों से श्रृंगार किया गया। अपराह्न छह बजकर 45 मिनट पर बदरीनाथ की सायंकालीन पूजा शुरू हुई। देर शाम सात बजकर 45 मिनट पर रावल (मुख्य पुजारी) अमरनाथ नंबूदरी ने स्त्री वेष धारण कर लक्ष्मी माता को बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश कराया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बदरीश पंचायत (बदरीनाथ गर्भगृह) में सभी देवताओं की पूजा अर्चना व आरती के बाद उद्धव जी व कुबेर जी की प्रतिमा को गर्भगृह से बाहर लाया गया। रात आठ बजकर 10 मिनट पर शयन आरती हुई। उसके बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हुई। रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट व अमित बंदोलिया ने कपाट बंद करने की प्रक्रिया पूरी की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रात सवा आठ बजे माणा गांव की कन्याओं द्वारा तैयार घृत कंबल बदरीनाथ भगवान को ओढ़ाया गया और अखंड ज्योति जलाकर रात ठीक नौ बजकर सात मिनट पर भगवान बदरीनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मौके पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, कोटद्वार विधायक दिलीप रावत, ज्योतिर्मठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिलाधिकारी संदीप तिवारी, बीकेटीसी के सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल, मंदिर समिति के सदस्य वीरेंद्र असवाल, पुष्कर जोशी, भास्कर डिमरी, एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ठ, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी के साथ ही हक-हकूकधारी मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रावल, धर्माधिकारी, वेदपाठी और बदरीनाथ के हक-हकूकधारियों के साथ उद्धव व कुबेर की उत्सव डोली तथा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी सोमवार 18 नवंबर की सुबह पांडुकेश्वर के योग बदरी मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी। मंगलवार को आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी ज्योतिर्मठ स्थित नृसिंह मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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