अशोक आनन का गीत- उड़ने से पहले
उड़ने से पहले
नोंच लिए सारे पंख
उड़ने से पहले।
खुले आसमां के
अब रहे नहीं मायने।
सपने तोड़ दिए सब
नींद भरी आंख ने।
छीन लिए सारे स्वप्न
जाने से पहले।
हाथ ने उंगलियों को
थामने दी न कलम।
शब्दों के महरूम हुए
ज़िंदगी भर हम।
छीन लिए सारे शब्द
लिखने से पहले।
द्वार, देहरियों को
ढूंढते रहे घर में।
दीवारों के पहरे
जिए सदा डर में।
बुझा लिए तीर विष में
बेंधने से पहले।
दूर्वा से कुचल दिए गए
पैरों से हम।
धूप में छांव पाते रहे
गैरों से हम।
बुला लिए सारे अपने
मरने से पहले।
कवि का परिचय
अशोक ‘आनन’, जूना बाज़ार, मक्सी जिला शाजापुर मध्य प्रदेश।
Email : ashokananmaksi@gmail.com
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।