अशोक आनन की कविता- मधुमास का आना
मधुमास का आना हुआ।
मौसम भी सुहाना हुआ।
काला – कलुटा भंवरा भी
कलियों का दीवाना हुआ।
गुलशन का पत्ता – पत्ता
बहार का ख़ज़ाना हुआ।
कोकिल का कुहू – कुहू ही
प्यार का अफ़साना हुआ। (कविता जारी, अगले पैरे में देखिए)
कलियों के घर – आंगन में
ख़ुशबू का ठिकाना हुआ।
आम्र – कुंज ही कोयल को
सुर का शामियाना हुआ।
हरियाते पेड़ों को देख
पतझड़ का लजाना हुआ।
कवि का परिचय
अशोक आनन
जूना बाज़ार, मक्सी जिला शाजापुर मध्य प्रदेश।
Email : ashokananmaksi@gmail.com
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