उत्तराखंड में स्वास्थ्य महानिदेशालय में आशा वर्कर्स ने किया प्रदर्शन, अब विधानसभा सत्र के दौरान होगा प्रदर्शन

सीटू से संबद्ध उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन ने विभिन्न मांगों को लेकर स्वास्थ्य महानिदेशालय पर प्रदर्शन किया। आशाओं ने मांगों को लेकर लगातार संघर्ष करने की बात कही। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि 26 फरवरी 2024 को होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान वे विधानसभा पर प्रदर्शन करेंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शन के दौरान आशाओं को संबोधित करते हुए सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि वर्तमान में केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकारें हैं। ये सरकारें आशाओं की मांगों को नजरअंदाज कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा के चुनाव की दहलीज पर हम खड़े हैं। यदि सरकार आशाओं की मांगो पर विचार नही करती है, तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने कहा कि हमारी यूनियन की ओर से सरकार व विभागीय अधिकारियों को आंदोलन व अन्य माध्यमों से समय समय पर मांगों को लेकर ज्ञापन दिए गए हैं। किंतु सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कारवाही नही की गई है इस लिए उन्होंने तय किया गया है कि वे 26 फरवरी 2024 को होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान वे विधानसभा पर प्रदर्शन करेंगे उन्होंने मांग की कि उनसे वार्ता कर मांगों पर कार्यवाही की जाए इस अवसर पर स्वास्थ्य महानिदेशक को मांग पत्र दिया गया और कारवाही हेतु मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर यूनियन की प्रांतीय उपाध्यक्ष कलावती चन्दोला, जिला देहरादून अध्यक्ष सुनीता चौहान, लोकेश देवी, रीता, ममता, नीरा कंडारी ने स्वास्थ्य महानिदेशक के साथ वार्ता में भाग लिया। बताया गया कि वार्ता में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से आश्वस्त किया गया कि वे शासन में वार्ता कर कार्रवाई करेंगे। प्रदर्शनकारियों में नीरज यादव, राधा, सुनीता, रोशनी, लता, नीलम, भुवनेश्वरी, अनाली, सुषमा, अंजली, बबीता, सुनयना, आशा ठाकुर, इवन, मेहरून, सुनित पाल आदि शामिल हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आशा वर्कर्स की मांगे
आशाओं को 10 हजार वेतन, मानदेय दिए जाने का कई राज्यो में प्रावधान है। इसे उत्तराखंड में भी लागू किया जाए। आशाओं को सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाए, न्यूनतम वेतन 21 हजार प्रतिमाह हो, वेतन निर्धारण से पहले स्कीम वर्कर की तरह मानदेय दिया जाए, सेवानिवृत्ति पर पेंशन सुविधा हो, कोविड कार्य में लगी सभी आशाओं को भत्ता दिया जाए, सेवा के दौरान दुर्घटना, हार्ट अटैक या बीमारी की स्थिति में नियम बनाए जाएं, न्यूनतम 10 लाख का मुआवजा दिया जाए, सभी स्तर पर कमीशनखोरी पर रोक, अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति हो, आशाओं के साथ सम्मान जनक व्यवहार किया जाए आदि मांगे शामिल हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।