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June 22, 2025

World AIDS Day: एम्स ऋषिकेश में एचआइबी मरीजों के लिए शुरू हुआ एंटी रिट्रोवायरल थैरेपी सेंटर

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में विश्व एड्स दिवस पर एचआईवी वायरस से ग्रसित मरीजों की समग्र जांच एवं उपचार के लिए एंटी रिट्रोवायरल थैरेपी सेंटर ( एआरटी सेंटर) का विधिवत शुभारंभ हो गया। एम्स में खुले सेंटर में गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों के पंजीकृत एड्स मरीजों को सरकार द्वारा प्रदत्त निशुल्क उपचार मिल सकेगा। इस दौरान आसपास के क्षेत्रों से आए एचआईवी से ग्रस्त मरीजों को इस बीमारी के प्रति जागरुक भी किया गया। मंगलवार को वर्ल्ड एड्स डे के अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने संस्थान में एंटी रिट्रोवायरल थैरेपी एआरटी सेंटर का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि 2019 में विश्वभर में लगभग 6 लाख 90 हजार लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का कोई शर्तिया इलाज नहीं है लिहाजा इसे सिर्फ जनजागरूकता से ही रोका जा सकता है।
निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि सरकार के नए दिशा- निर्देश के अनुसार इस बीमारी से ग्रसित हर व्यक्ति का उपचार जरूरी है, चाहे वह बीमारी की किसी भी अवस्था में हो। उन्होंने बताया कि संस्थान में एमबीबीएस,टेक्निशियन व नर्सिंग के पाठ्यक्रम में इस बीमारी को आवश्यक सुधार के साथ सम्मिलित किया जाएगा तथा समय- समय पर एम्स की सोशियल आउटरीच सेल के द्वारा विभिन्न हाईरिस्क ग्रुप्स को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जाएगा।
इस अवसर पर संस्थान के सर्जरी विभागाध्यक्ष डा.सोमप्रकाश बासू ने सर्जरी के दौरान निडिलस्टिक इंजरी को रोकने व इससे बचाव के उपाय बताए। बालरोग विभागाध्यक्ष प्रो. नवनीत बट्ट ने इस बीमारी को माता पिता से बच्चों में संक्रमण होने से बचाव की जानकारी दी। जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. मीनाक्षी धर, एआरटी सेंटर प्रभारी डा. मीनाक्षी खापरे व फैकल्टी इंचार्ज डा.मुकेश बैरवा ने बताया कि हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस पर जनसामान्य को एचआईवी संक्रमण से बचाव व जरुरी एहतियात के बारे में जागरुक किया जाता है। साथ ही उन्हें स्वयं व दूसरों को इस लाइलाज बीमारी से बचाव के बारे में आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं।
उन्होंने बताया कि एम्स में स्थापित एआरटी सेंटर के अंतर्गत रजिस्टर्ड एचआईवी पेशेंट का ट्रीटमेंट निशुल्क किया जाएगा। जिसमें मरीजों को लैब इन्वेस्टीगेशन व दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं साथ ही उपचार के दौरान उनमें उत्पन्न होने वाली दूसरी बीमारियों का परीक्षण व दवा भी इसमें शामिल होती हैं। बताया गया ​कि एम्स ऋषिकेश में उत्तराखंड राज्य का चौथा एआरटी सेंटर स्थापित किया गया है। जबकि इससे पूर्व देहरादून, हल्द्वानी व पिथौरागढ़ में एंटी रिट्रोवायरल थैरेपी सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं। इसके बाद अगला एआरटी सेंटर हिमालयन अस्पताल में प्रस्तावित है।
इस सेंटर में गढ़वाल मंडल के पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार आदि जिलों के पंजीकृत एचआईवी ग्रसित मरीजों का परीक्षण एवं उपचार करा सकते हैं। एम्स में एआरटी सेंटर स्थापित होने से पर्वतीय जिलों के मरीजों को उपचार के लिए अब देहरादून नहीं जाना पड़ेगा। साथ ही एंटी रिट्रोवायल थैरपी सेंटर न सिर्फ मरीजों को मेडिसिन एवं परीक्षण सेवा देता है इसके अलावा उन्हें केयर में सहयोग भी करता है और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से मरीज व उनके परिवार को आर्थिक व अन्य तरह का सहयोग भी उपलब्ध कराया जाता है।
एम्स के जनरल मेडिसिन विभाग में स्थापित एआरटी सेंटर में मरीज सप्ताह में दो दिन (सोमवार व बुधवार को) निशुल्क परामर्श व उपचार प्राप्त कर सकते हैं। इस दौरान प्रो. लतिका मोहन, प्रो. वर्तिका सक्सेना, डा. नैरिता हजारिका आदि मौजूद थे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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