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October 29, 2025

हिंदूवादी नेता यति नरसिंहानंद सरस्वती का एक और भड़काऊ भाषण, महापंचायत में हिंदुओं पत्रकारों से भी की गई बदसलूकी

हिंदूवादी नेता यति नरसिंहानंद सरस्वती ने एक बार फिर भड़काऊ भाषण दिया। इसका वीडियो भी सामने आया है। इस भाषण से यति नरसिंहानंद सरस्वती एक बार फिर विवादों में है।

हिंदूवादी नेता यति नरसिंहानंद सरस्वती ने एक बार फिर भड़काऊ भाषण दिया। इसका वीडियो भी सामने आया है। इस भाषण से यति नरसिंहानंद सरस्वती एक बार फिर विवादों में है। इस बार उन्होंने दिल्ली के बुराड़ी में रविवार को हुई हिन्दू महापंचायत में भड़काऊ भाषण दिया। इस महापंचायत में कई लोग पहुंचे और कई लोगों ने अपनी बात मंच पर रखी, लेकिन यति नरसिंहानंद के बोल कुछ अलग ही नजर आए। महापंचायत में कुछ पत्रकारों के साथ बदसलूकी के आरोप भी लगे हैं।
पिछले साल हरिद्वार में दिए गए विवादित के बाद अब यति नरसिंहानंद पर अब दिल्ली में हेट स्पीच के आरोप लगे हैं। इसके कुछ वीडियो वायरल हुए हैं। दिल्ली के बुराड़ी में हिन्दू महापंचायत में उनके ज़हरीले बोल सामने आए हैं। महापंचायत में यति नरसिंहानंद ने कहा कि 2029 में इस देश का प्रधानमंत्री मुसलमान होगा। उसके बाद हिंदुओं का कत्लेआम होगा और हिंदुओं को बचाने के लिए कोई नहीं होगा। अपने भाषण के दौरान यति नरसिंहानंद ने कश्मीर फाइल मूवी का भी जिक्र किया और कहा कि जैसे कश्मीरी अपनी जमीन जायदाद बहन बेटियों को छोड़कर भागे थे, आने वाले वक्त में ऐसा नजारा देश के अन्य जगहों पर भी होगा।
धर्म संसाद में वह लगातार मौजूद लोगों को भड़काते हुए नजर आए। कहा कि 2029 नहीं तो 2034 नहीं तो 2039 तक इस देश का प्रधानमंत्री मुस्लिम जरूर होगा। यति नरसिंहानंद ने राम मंदिर का जिक्र भी किया और कहा कि राम जन्मभूमि को कोर्ट की लड़ाई के बाद हमने जीत लिया है और वहां मंदिर भी बन रहा है, लेकिन इस देश के हर मुसलमान ने कसम खाई है कि जब देश का निजाम का बनेगा तब सबसे पहला काम राम मंदिर को नुकसान पहुंचाने का करेंगे। अपने तर्कों का हवाला देते हुए यति नरसिंहानद ने कहा कि अपनी बहन बेटियों की रक्षा करने के लिए अपने पास हथियार रखें और असली मर्द वही होता है जो अपने हाथ मे हथियार रखता है और उनसे प्यार करता है।
पत्रकारों से बदसलूकी
हिंदू महापंचायत कवर करने गए 4 मुस्लिम धर्म के पत्रकारों और एक महिला पत्रकार ने आरोप लगाया कि भीड़ ने उनके आईकार्ड देखे और उनके साथ बदसलूकी की। उनके मोबाइल और कैमरे छीन लिए गए। एक महिला पत्रकार ने कहा कि भीड़ में लोगों ने उसे जकड़ लिया था। दिल्ली पुलिस का कहना है कि वो सभी पत्रकारों को वहां से सुरक्षित निकाल कर लाई। एक महिला समेत 2 पत्रकारों ने इस मामले में मुखर्जी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
नहीं ली गई कोई अनुमति
दरअसल समान शिक्षा कानून, समान नागरिक संहिता, घुसपैठ नियंत्रण कानून, धर्मान्तरण नियंत्रण कानून, देवस्थान मंदिर मुक्ति जैसे 5 मांगो को लेकर सेव इंडिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई प्रीत सिंह नाम के शख्स ने इस महापंचायत का आयोजन किया था। सबसे बड़ी बात है कि दिल्ली पुलिस की तरफ से इस महापंचायत के लिए कोई परमिशन नहीं ली गई थी। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की तरफ से इस आयोजन के लिए कोई परमिशन नहीं दी गई थी। सवाल ये है कि फिर आखिर कैसे ये कार्यक्रम बुराड़ी के मैदान में आयोजित किया गया।
दिल्ली पुलिस ने किया केस दर्ज
यति नरसिंहानंद की तरफ से समुदाय विशेष को लक्षित कर दिए गए विवादित बयान के बाद अब एफआईआर दर्ज हो गई है। दिल्ली पुलिस ने बिना अनुमति के हिंदू महापंचायत कार्यक्रम का आयोजन करने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। इसके साथ ही भड़काऊ भाषण देने वालों पर भी केस दर्ज किया गया है।
पहले हरिद्वार धर्म संसद में दिए थे भड़काऊ भाषण
इससे पहले हरिद्वार में बीते साल 17 से 19 दिसंबर के बीच हुई धर्म संसद में कथित तौर पर भड़काउ भाषण देने के आरोपी नरसिंहानंद पर लगे थे। नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी सहित 10 से ज्यादा लोगों के खिलाफ दो FIR दर्ज की गई थी। इस मामले में उत्तराखंड पुलिस ने यति नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व में वज़ीम रिज़वी) को धर्म संसद में हेट स्पीच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। दरअसल पत्रकार कुर्बान अली और पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश द्वारा दायर रिट याचिका में भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने 12 जनवरी को केंद्र, दिल्ली पुलिस और उतराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
धर्म संसद में विवादित भाषण देने का आरोप
बता दें कि धर्म संसद का आयोजन स्वामी नरसिंहानंद ने कराया था। इस सम्मेलन में वक्ता के रूप में हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रमोदानंग गिरि और स्वामी आनंदास्वरूप, साध्वी अन्नपूर्णा शामिल हुए थे। तब सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साधु-संत कहते दिख रहे थे कि धर्म की रक्षा के लिए वह शस्त्र उठाएंगे। अब मुस्लिम पीएम नहीं बनने देंगे। साथ ही वह मुस्लिम आबादी भी नहीं बढ़ने देंगे। धर्म की रक्षा के नाम पर साधुओं का यह विवादित भाषण तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं साध्वी अन्नपूर्णा भी कॉपी-किताब रखकर हाथ में शस्त्र उठाने की बात कहती दिख रही हैं।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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